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आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कृषि बजट 12 हजार करोड़ से बढ़ाकर 34 हजार करोड़ हुआ

खेती को नए आयाम:किसानों को पूर्णतया आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कृषि बजट 12 हजार करोड़ से बढ़ाकर 34 हजार करोड़ हुआ10 हजार नए एफपीओ पर 6850 करोड़ होंगे खर्चकेंद्र के तीन नए विधेयकों से किसानों को न केवल बड़ा बाजार मिलेगा, बल्कि पुरानी अनचाही विपणन व्यवस्था से आजादी मिलेगी। इससे किसानों की वह शिकायत भी दूर होगी, जिसमें कहा जाता था कि कारोबारी मर्जी से उत्पाद बेच सकता है तो किसान क्यों नहीं। देश में किसानों को जहां वर्ष 2009-10 में यूपीए सरकार के दौरान कृषि बजट 12 हजार करोड़ रुपए था, जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाकर 34 हजार करोड़ रुपए कर दिया है, जबकि किसान सम्मान निधि योजना में अब तक 92 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खाते में भेजे जा चुके हैं।

10 हजार नए एफपीओ पर 6850 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार का कहना है कि आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ रुपए की घोषणा की है। किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर 3000 रुपए मासिक पेंशन का प्रावधान किया है। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू कर उत्पादन लागत पर एमएसपी को बढाते हुए डेढ़ गुना किया गया।

किसान मर्जी का मालिक होगा

किसान मर्जी का मालिक होगा। बिक्री के खुले विकल्प देकर आय बढ़ाने का अवसर दिया है। विधेयक में भुगतान सुनिश्चित करने का प्रावधान है। परिवहन लागत एवं कर में कमी लाकर किसानों को उत्पाद की अधिक कीमत दिलाना तथा किसानों से प्रोसेसर्स, निर्यातकों, संगठित रिटेलरों का संबंध, ताकि बिचौलिए दूर रहें। विधेयक के तहत तहत एमएसपी की व्यवस्था पूर्व की भांति जारी रहेगी।

इच्छा अनुसार दाम तय करें

कृषि मंत्री जेपी दलाल के अनुसार प्रस्तुत विधेयक के तहत कृषकों को व्यापारियों, कंपनियों, प्रसंस्करण इकाइयों, निर्यातकों से सीधे जोड़ना है। इसमें कृषि करार के माध्यम से बुवाई से पूर्व ही किसान को उपज के दाम निर्धारित करना, बुवाई से पूर्व मूल्य का आश्वासन, दाम बढ़ने पर न्यूनतम मूल्य के साथ अतिरिक्त लाभ देना, अनुबंधित किसान को नियमित और समय पर भुगतान करना शामिल हैं।

किसानों को बेहतर ढांचा मिलेगा

अब कृषि क्षेत्र में संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा। निवेश को बढ़ावा मिलेगा और किसान की आय बढ़ेगी। अनाज, दलहन, तिलहन, आलू आदि को अत्यावश्यक वस्तु की सूची से हटाना व इससे कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ेगा। कोल्ड स्टोरेज एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश बढ़ने से किसानों को बेहतर ढांचा मिल सकेगा।

यूं हुई है रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी

गेहूं की एमएसपी 50 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि के साथ 1975 रुपए हो गई है।
चने में 225 रुपए की वृद्धि के बाद एमएसपी 5100 प्रति क्विंटल होगा।
मसूर में 300 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि के बाद 5100 रुपए क्विंटल होगा।
सरसों में 225 रुपए के इजाफे के साथ एमएसपी 4600 प्रति क्विंटल।
जौ में 75 रुपए की वृद्धि के साथ 1600 रुपए प्रति क्विंटल खरीद होगी।
कुसुम में 112 रुपए की वृद्धि के बाद एमएसपी 5327 रुपए होगी।

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