ये हैं नकली देसी शराब के धंधेबाज:दिल्ली से खाली बोतलें-लेबल आता था, पंजाब से केमिकल, हरियाणा में बनाते थे नकली शराब, रादौर में ठेकेदारों ने ही पकड़वाया था शराब का कैंटर अम्बाला, पानीपत और पंचकूला में बनती थी नकली शराब, 3 राज्यों से आता था कच्चा माल
हरियाणा के 3 जिलों में बनाकर वैध और अवैध शराब ठेकों पर करते थे नकली शराब की सप्लाई11 सितंबर को रादौर में पकड़े गए देसी नकली शराब की 689 पेटियों से भरे कैंटर के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। नकली शराब की फैक्टरी अम्बाला के मच्छाैंडा, पानीपत और पंचकूला तक में चल रही थी। यहां बनने वाली शराब के लिए कच्चा माल पंजाब और दिल्ली से आता था। शराब बनाने के लिए एएमए केमिकल (एक्स्ट्रा लीट्रल अल्कोहल) पंजाब से आता था। वहीं, खाली बोतलें और मार्का का लेबल दिल्ली से आता था। इसके बाद यहां पर नकली शराब बनाकर वैध और अवैध शराब के ठेकों पर पहुंचती थी। कैंटर चालक को चंद पैसे का लालच देकर शराब की वैध फैक्टरी में केमिकल ले जाते समय उससे केमिकल लिया जाता था। शराब ठेकेदारों से सस्ती शराब देने के ऑर्डर लिए जाते थे। इस नकली शराब को कौन-कौन ठेकेदार मंगवाता था, इसका खुलासा आरोपियों ने किया है।
पुलिस की जांच रिपोर्ट के अनुसार पूछताछ में यूपी निवासी बिट्टू सिंह और कुरुक्षेत्र के मथाना निवासी प्रदीप कुमार ने बताया कि 11 सितंबर को बिट्टू, मथाना निवासी राजू स्विफ्ट कार में थे और सफारी कार में पानीपत निवासी विकास, मथाना निवासी पोला और एक अन्य व्यक्ति था। कैंटर में 8279 बोतलें देसी शराब की रादौर एरिया में सप्लाई करने आए थे। आगे उन्होंने बताया कि अवैध शराब बनाने का काम अम्बाला के गांव मच्छौंडा, पंचकूला व पानीपत में किया जाता है।
बोतल, लेवल दिल्ली से चंडीगढ़ के व्यापारी के माध्यम से आता था
नकली शराब बनाने के लिए एनए केमिकल (पुलिस रिपोर्ट में एनए, लेकिन एएलए होता है, यानी एक्स्ट्रा लीट्रल अल्कोहल) मिलाते हैं और रंग देने के लिए फ्लेवर का इस्तेमाल करते हैं। खाली बोतल, स्टीकर, लेबल दिल्ली के स्वरूप नगर स्थित फैक्टरी से लेते थे। यह फैक्टरी बसंत गुप्ता चलाते हैं। ये बोतलों की खरीदारी वे मान सिंह नाम के व्यक्ति के माध्यम से करते थे। मान सिंह चंडीगढ़ में रहता है।
15 हजार के केमिकल से लाखों की शराब बनाते
एएलए केमिकल का इंतजाम ट्रक ड्राइवर बहादुरगढ़ का रघुबीर सिंह उर्फ रामबीर करता था। वह केमिकल पंजाब के बनूड़ से लाता था। करनाल के समालखा स्थित शराब की फैक्टरी के लिए केमिकल लाता था। समालखा की फैक्टरी के लिए माल लाता तो मच्छौंडा में कुछ केमिकल दे देता था, जो शराब रादौर में पकड़ी गई है, उसके लिए 200 लीटर केमिकल लिया था। इसके लिए 15 हजार रुपए की रघुबीर को दिए थे।
कैंटर के आगे रास्ता बताती थी दो गाड़ियां
रादौर एरिया के शराब ठेकेदार को पता चला कि कुछ शराब ठेकेदार नकली शराब बेच रहे हैं। गिरोह के लोग शातिर तरीके से शराब सप्लाई करते थे। शराब से लोड कैंटर के आगे दो गाड़ियां यह देखने के लिए चलती थी कि रास्ते में चेकिंग टीम तो नहीं खड़ी है। रास्ता साफ होने का मैसेज मिलने पर ही कैंटर आगे बढ़ता था।
11 सितंबर को पकड़ा था कैंटर, दो गिरफ्तार
11 सितंबर को शराब ठेकेदार गौरव कांबोज और अनेज दामला ने नकली शराब से भरा कैंटर बुबका रोड से पकड़वाया था। तब ड्राइवर भागने में कामयाब हो गया था। पुलिस ने मौके पर मथाना निवासी प्रदीप को पकड़ लिया था। वहीं, कैंटर के पास स्विफ्ट कार और सफारी गाड़ी में सवार लोग फरार हो गए। पुलिस ने पकड़े गए प्रदीप से कैंटर मेंं लोड की गई देसी शराब की पेटियों को लेकर परमिट और लाइसेंस मांगा। लेकिन वह परमिट व लाइसेंस नहीं दिखा पाया था।
अभी अम्बाला में फैक्टरी चलाने का पता चला
नकली शराब मामले में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। फिलहाल अम्बाला के मच्छौंडा गांव में नकली शराब की फैक्टरी की बात सामने आई है। अन्य जगह पर कहां पर बनाई जाती थी, इसका पता आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद चलेगा। -रणधीर सिंह, डीएसपी, रादौर।