दशहरे पर कोरोना का साया:दशहरे से 2 माह पहले शुरू हो जाता था पुतले बनाने का काम इस बार कारोबार से जुड़े लोगों के सामने रोजगार का संकट रामलीला के लिए प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार, अभी तक नहीं मिले पुतलों के ऑडर्र
इंपेक्ट: शहर में 30 जगह होता था रामलीला का मंचन, इस बार रिहर्सल भी नहीं शुरूकोरोना का असर रामलीला के मंचन पर पड़ता साफ दिखाई दे रहा है। क्योंकि नवरात्र के दिनों में रामलीलाओं का मंचन शुरू हो जाता है। इससे पूर्व माहभर कलाकारों द्वारा रिहर्सल का दौर चलता है। किंतु इस बार रामलीला की तैयारियों को लेकर आयोजन समितियां इस बार उलझन में हैं। क्योंकि कोविड-19 के तहत प्रशासन से गाइडलाइन
नहीं मिली है। शहर में करीब 30 रामलीलाओं का मंचन होता है। रामलीला मंचन के लिए कलाकारों द्वारा रिहर्सल भी शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार अभी तक कोई रिहर्सल शुरू नहीं हुई। मंचन के कलाकार और पुतले बनाने वाले कारीगर, दोनाें ही खाली बैठे हैं। पुतले बनाने का कार्य 2 माह से पहले शुरू हो जाता था। दरअसल, अभी प्रशासन के पास केंद्र से कोई गाइडलाइन नहीं आई है कि इस वर्ष रामलीला कराने की इजाजत देनी है या नहीं। देनी है तो किन शर्तों पर देनी है।
कोरोना संक्रमण दिनों दfन फैलता ही जा रहा है। ऐसी स्थिति में न तो रामलीला की रिहर्सल और न ही दशहरे के लिए रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतले बनने शुरू हो पाए हैं। एक माह बाद 17 अक्टूबर से नवरात्र शुरू होंगे। इससे कुछ दिन पहले ही शहर में अलग-अलग स्थानों पर रामलीला का मंचन शुरू हो जाता है। जबकि दशहरे से दो माह पहले ही समितियां कारीगरों से रावण, कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतले बनवाने शुरू कर देती है। दशहरा 25 अक्टूबर को है, लेकिन अभी तक कहीं भी पुतले बनने शुरू नहीं हो पाए हैं।
प्रशासन इजाजत देता है तो डिस्टेंसिंग के साथ होगा मंचन
श्री विष्णु क्लब के प्रधान अजय ऐलावादी व श्री रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट के महासचिव गुलशन गाबा ने बताया कि रामलीला मंचन को लेकर प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक यह भी नहीं पता की रामलीला मंचन होगा या नहीं। अगर प्रशासन रामलीला मंचन की इजाजत देता है तो सोशल डिस्टेसिंग के साथ या फिर ऑनलाइन घर बैठे दर्शकों को दिखाई जाएगी। अभी तक रिहर्सल भी शुरू नहीं हो पाई है। रामलीला में भीड़ ज्यादा होने के कारण दूर-दूर कुर्सियां लगाकर सोशल डिस्टेसिंग के साथ दिखाया जाएगा।
पंजाब तक पुतले बनाने के पुस्तैनी कारीगर कर रहे ऑडर्र का इंतजार
हालांकि शहर में रामलीला मंचन से दो माह पहले ही पुतले बनाने का कार्य शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार काेरोना के चलते कोई भी पुतला अभी तक तैयार नहीं हुआ है। पुतले बनाने के कारीगर कालांवाली निवासी राणा बाबा ने बताया कि उनका पुतले बनाने का कार्य पुश्तैनी है। वे पहले पंजाब के बरनाला, रामपुरा, तपा में पुतले बनाते थे। कई वर्षों से सिरसा व रानियां की रामलीलाओं के पुतले तैयार करते हैं। इस बार कोरोना की वजह से अब तक कोई भी ऑर्डर नहीं मिला है। वे दो माह पहले ही शहर में सबसे ऊंचे रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ के पुतले बनाते थे।
रामलीला मंचन होगा या नहीं अभी स्पष्ट नहीं: ऐलावादी
श्री विष्णु रामलीला क्लब के प्रधान अजय ऐलावादी ने कहा कि वे पिछले 10 वर्षों से सूरगढ़िया चौक में रामलीला करवाते आ रहे हैं। प्रथम नवरात्र में मंचन शुरू होता है। लेकिन रिहर्सल एक माह पहले ही शुरू हो जाती है। जो इस बार नहीं हुई। क्योंकि अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इस बार मंचन की अनुमति मिलेगी भी या नहीं। समय रहते स्थिति स्पष्ट हो तो मंचन के लिए कलाकार की रिहर्सल शुरू हो। अगर अनुमति मिलती है तो सिर्फ रावण का ही पुतला बनवाएंगे। वहीं श्रीरामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट के महासचिव गुलशन गाबा ने कहा कि वे जल्द ही प्रशासन से मिलेंगे।
शहर के इन जगहों पर होती है रामलीलाएं
शहर में आए साल करीब 30 स्थानों पर रामलीला का मंचन होता आया है। शहर में सूरगढ़िया चौक, नेहरु पार्क, गोशाला मोहल्ला, खैरपुर, मुलतानी कॉलोनी, चतरगढ़पट्टी, बरनाला रोड, रानियां रोड, बेगू रोड सहित ग्रामीण इलाकों में भी मंचन होता है। शहर में हर साल 70 से 75 फुट तक रावण, कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतले समितियों द्वारा बनवाए जाते हैं।
नहीं निकलेंगी शोभायात्राएं, दशहरा दिखाया जाएगा ऑनलाइन
शहर में दो श्री रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट व श्री विष्णु क्लब द्वारा रामलीलाओं का मंचन होता है। दोनों ही क्लब बाजारों में भव्य रूप से शोभायात्रा निकालते हैं। लेकिन कोरोना की वजह से इस बार दोनों ही क्लबों की शोभायात्रा निकालने पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। क्घर बैठे ही दर्शकों को ऑनलाइन दशहरा दहन दिखाया जाएगा। इस बार रामलीला में भी दर्शकों की भीड़ कम होगी। सोशल डिस्टेसिंग के साथ ही बैठाया जाएगा।