राहत:अब विवि-कॉलेजों की रैंकिंग और नए शिक्षण संस्थानों को मंजूरी भी दे सकेगी शिक्षा परिषद, पुराने पाठ्यक्रमों में करेंगे बदलाव सरकार ने हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद की बढ़ाई शक्तियां, हरियाणा अधिनियम 4 पारित कर सौंपे 11 बड़े कामप्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की रैंकिंग और मूल्यांकन करने से लेकर अब इनकी स्वायत्तता की सुरक्षा तक के तमाम मुद्दों पर हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद काम करेगी। अभी तक शक्तियों के अभाव में परामर्श तक सीमित परिषद काे अब मजबूत बनाया गया है। वर्तमान में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के मूल्यांकन और रैंकिंग देने में कई संस्थाएं काम करती हैं, लेकिन अब नए आदेश के मुताबिक हरियाणा के कॉलेजों और विवि की रैंकिंग भी परिषद ही तय करेगी।
इसके लिए नया डिजाइन तैयार किया जाएगा, जिसमें मुख्य बिंदुओं को चिह्नित करना, जानकारी एकत्र करना और विश्लेषण करने का काम परिषद कर रही है। नए आदेश के अनुसार परिषद उच्चतर शिक्षा की परंपरागत परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव पर काम करेगी। इसके लिए सुधार के उपाय भी सुझाएगी। हरियाणा विधानसभा में परिषद के लिए बाकायदा हरियाणा अधिनियम 4 पारित कर 11 बड़े काम दिए गए हैं। अभी तक इन कामों को विवि या उच्चतर शिक्षा विभाग ही अंजाम देते आए थे। अब इसमें परिषद की अहम भूमिका तय की गई है।
अक्सर ऐसा देखा गया है कि अधिकतर कोर्स में पाठ्यक्रम वर्षों तक बदले नही जाते हैं, जिसके कारण विद्यार्थियों को नवीनतम जानकारियां और कौशल नहीं मिल पाता। ऐसे में अब उच्चतर शिक्षा परिषद को सभी पाठ्यक्रमों को आधुनिक और प्रासंगिक बनवाने का काम भी दिया है। कॉलेज और विवि में पढ़ाई और रिसर्च की गुणवत्ता में लगातार सकारात्मक और गुणात्मक बदलाव करने के लिए भी परिषद से परामर्श किया जाएगा। नए आदेशों के तहत राज्य की उच्चतर शिक्षा के लिए भविष्य की परियोजना बनाने, वार्षिक याेजनाओं का खाका खींचने और बजट बनाने तक का काम भी अब परिषद करेगी। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण जिम्मा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का फ्रेमवर्क तैयार करना है। नई उच्चतर शिक्षा व्यवस्था बनाने की योजना पर फिलहाल परिषद ने काम शुरू कर दिया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर काम शुरू : कुठियाला
परिषद ने नए दिए गए कामाें को करने की पूरी तैयारी कर ली है। उच्चतर शिक्षा विभाग से कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों का स्थानांतरण भी परिषद में किया गया है। हरियाणा की उच्चतर शिक्षा में कुछ बदलाव की जरूरत है, जिसके जरिए हमारे पढ़े-लिखे युवा गौरवपूर्ण जीवनयापन करने के योग्य बने। साथ ही उनमें मानवीय मूल्यों व राष्ट्र के प्रति भक्ति का भाव हो। समिति के अधिनियम के अनुसार परिषद को कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता की सुरक्षा का काम भी करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को एक सुनहरा अवसर मानकर नई उच्चतर शिक्षा व्यवस्था बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।