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काेरोना काल:70% पेरेंट्स केवल डाउट्स सेशन के लिए बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार,

काेरोना काल:70% पेरेंट्स केवल डाउट्स सेशन के लिए बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार, आज हांसी के स्कूलों में नहीं होगी भीड़, कई विद्यालय प्रबंधकों ने कम बच्चों को बुलाने का लिया फैसला छह महीने बाद आज से स्कूल खुलेंगे। केवल 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स डाउट क्लियर करने या प्रैक्टिकल के लिए ही पूरी एहतियात के साथ बुलाए जा सकेंगे।कोविड-19 के कारण मार्च महीने से स्कूल बंद हैं। करीब छह महीने बाद अब 21 सितंबर से स्कूल खोलने की अनुमति मिली है। मगर केवल 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को ही डाउट सेशन या प्रैक्टिकल के लिए स्कूलों में बुलाया सकते हैं। पेरेंट्स की लिखित अनुमति जरूरी है। कोविड गाइडलाइन की पालना करनी होगी।

भास्कर ने विभिन्न इलाकों में पेरेंट्स से बात की तो सामने आया कि 70% पेरेंट्स बच्चों को रेगुलर स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं। मगर वो बच्चों को उनके डाउट्स क्लियर करने के लिए स्कूल भेजने को तैयार हैं। वो चाहते हैं कि स्कूल कोविड से बचाव के पूरे प्रबंधन करे। वहीं 25 प्रतिशत पेरेंट्स ने बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर दिया। 5 प्रतिशत पेरेंट्स कोविड के बढ़ते आंकड़ों को देखकर अभी असमंजस में हैं।

स्कूलों के बच्चे 21 सितंबर से परामर्श के लिए स्कूलों में आ सकेंगे पर कोई स्कूल प्रबंधन बच्चों की भीड़ इकट्ठी करने के पक्ष में नहीं है। रविवार देर रात मंथन चलता रहा। स्कूलों द्वारा एक-दूसरे के रुख को देखा गया। आखिरकार मैनेजमेंट और प्रिंसिपल लगभग एक जैसे नतीजे पहुंचे। परामर्श के लिए कुछ बच्चों को स्कूल बुलाएंगे। कोई 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को बुलाने के पक्ष में था। कुछ ने कहा कि केवल 10वीं और 12वीं के बच्चों को अनुमति होगी। इस बीच टीचर्स की कोरोना जांच स्कूलों के बड़ी चुनौती बनकर सामने आई। अभी तक शहर के किसी स्कूल के सभी टीचर्स की कोरोना जांच नहीं हुई है। कुछ ही टीचर्स ने इसके लिए सैंपल दिए हैं।

सीबीएसई से संबद्ध बड़े स्कूलों की बात करें तो इनमें टीचर्स की संख्या चार सौ से अधिक है। और अभी स्वास्थ्य विभाग से महज 30-35 टीचर्स ने ही अपनी जांच कराई है। खास बात यह है कि इनकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। सरकारी स्कूलों के टीचर्स की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास आदेश हैं। आदेश सोमवार के हैं। विभाग बीईओ ऑफिस में टीचर्स के सैंपल लेगा। कुछ जगह स्कूलों में भी हेल्थ टीम भेजने की बात हो रही थी। बड़ी कक्षाओं के सरकारी स्कूलों के टीचर्स की संख्या भी लगभग चार सौ है।

ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइजिंग मशीनों का इंतजाम

जीडी गोयनका ग्लोबल स्कूल की ओर से प्रिंसिपल हरविंद्र खालसा ने बताया कि स्कूल में फुल बॉडी ऑटोमैटिक सैनेटाइजिंग मशीनें लगवाई गई हैं। स्टूडेंट्स के साथ शूज, बैग्स को सैनिटाइज करने की मशीनें भी खासतौर पर लगाई हैं। सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने के लिए 6 फीट की दूरी पर चिह्न अंकित किए गए हैं। वहीं होली एंजल स्कूल के प्रिंसिपल दिनेश मेहत्ता ने बताया कि स्कूल ने थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजिंग मशीन के साथ बच्चों को रोल नंबर वाइज ही डाउ्स सेशन के लिए बुलाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही एक क्लास में एक दिन में केवल तीन स्टूडेंट और टीचर काे बुलाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही स्कूलों की ओर से खेल पीरियड भी नहीं होगा।

हर स्टूडेंट का फिक्स होगा बैंच, नहीं खुलेगी कैंटीन

ब्लूमिंग डेल्स स्कूल के डायरेक्टर हिमांशु शर्मा ने बताया कि स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करते हुए जगह-जगह गोल घेरे तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही स्कूल आने वाले हर बच्चे का पहले दिन ही बैंच फिक्स कर दिया जाएगा, बच्चे को रोज उसी बैंच पर बैठना हाेगा। कैंटीन बंद ही रहेगी, वहीं पेरेंट्स को खुद ही बच्चे को स्कूल छोड़ने का इंतजाम करना होगा। वहीं डीएवी स्कूल की प्रिंसिपल इंदु शर्मा बताया की सब्जेक्ट वाइज टीचर्स को बुलाने का प्लान किया गया है।

नहीं होगी प्रार्थना सभा, दो बार होगा स्कूल सेनिटाइज

दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल मंजू सुधाकर ने बताया कि एक दिन में दो बार पूरे स्कूल को सैनिटाइज करवाया जा रहा है। इसके साथ ही क्लासेज में केवल छह से सात बैंच ही सोशल डिस्टेसिंग के साथ अरेंज किए गए है। बच्चों को घर से ही खाना और वाटर बॉटल लाने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही स्कूल ने प्रार्थना सभा न करवाने का भी फैसला लिया है। वहीं सेंट जोसफ स्कूल की ओर से भी सीटिंग अरेंजमेंट पर खास ध्यान दिया जा रहा है। हर स्टूडेंट के लिए मास्क, वाटर बॉटल लाना किया अनिवार्य।

नहीं होगी प्रार्थना सभा, दो बार होगा स्कूल सेनिटाइज

दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल मंजू सुधाकर ने बताया कि एक दिन में दो बार पूरे स्कूल को सैनिटाइज करवाया जा रहा है। इसके साथ ही क्लासेज में केवल छह से सात बैंच ही सोशल डिस्टेसिंग के साथ अरेंज किए गए है। बच्चों को घर से ही खाना और वाटर बॉटल लाने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही स्कूल ने प्रार्थना सभा न करवाने का भी फैसला लिया है। वहीं सेंट जोसफ स्कूल की ओर से भी सीटिंग अरेंजमेंट पर खास ध्यान दिया जा रहा है। हर स्टूडेंट के लिए मास्क, वाटर बॉटल लाना किया अनिवार्य।

गवर्नमेंट स्कूलों की तैयारी भी खास

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मंडी आदमपुर से प्रवक्ता अशोक वशिष्ठ ने बताया कि स्कूल में एंट्री और एग्जिट गेट अलग-अलग फिक्स किए हैं। जिससे एक जगह पर ज्यादा भीड़ इकट्ठी न हो सके। बच्चों को ग्रुप में बांटने के लिए डिफरेंट कलर्स के रिबन पहुंचाए जा रहे हैं। जिससे एक समय में एक कलर रिबन के स्टूडेंट्स को ही बुलाया जा सके। वहीं मॉडल टाउन स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के लेक्चरर डॉ. कपूर सिंह लोहान ने बताया कि हमने सबसे पहले बच्चों से उनके पेरेंट्स से द्वारा लिखा गया अनुमति पत्र मंगवाया है, इसके बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाने पर किसी तरह का निर्णय लिया जा सकेगा।

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