किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर सियासत गरम:डिप्टी सीएम ने सीएम से मुलाकात कर लाठीचार्ज की जांच की मांग की, गृहमंत्री फिर बोले- लाठीचार्ज काल्पनिक, न ऐसा आदेश था और न हुआ दुष्यंत की मांग पर विज बोले- सरकार जितनी मेरी, उतनी ही उनकी, नहीं लगता वे अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान देंगे।
कांग्रेस ने की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग, चढ़ूनी बोले- हरसिमरत की तरह दुष्यंत इस्तीफा दें।कुरुक्षेत्र में हुए लाठीचार्ज पर गठबंधन की सरकार में नेताओं की अलग-अलग बयानबाजी जारी है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर जांच की मांग की है। वहीं, प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने दोहाराया कि किसानों पर लाठीचार्ज नहीं हुआ, जो लोग कह रहे हैं, वह काल्पनिक है। किसान धरने पर बैठे थे तो उन्हें डंडे मारकर नहीं उठाया। कहीं कोई एमएलआर नहीं कटी, कोई वीडियो सामने नहीं आया।
यदि लाठीचार्ज होता तो वीडियो जरूर सामने आता। डिप्टी सीएम की ओर से जांच की सिफारिश पर विज ने कहा कि सरकार जितनी मेरी है, उतनी ही उनकी भी है। ऐसे में नहीं लगता कि अपनी सरकार के खिलाफ ही बयान देंगे। जजपा नेताओं द्वारा घायल किसानों से मुलाकात को लेकर विज ने कहा कि इसका मुझे नहीं पता कि वे किससे मिलकर आए हैं। मैं उनकी हर बात का जवाब नहीं दे सकता। सरकार के साफ आदेश थे कि कोई लाठीचार्ज नहीं होगा और लाठीचार्ज नहीं हुआ है।
कांग्रेसी सुबह पेट्रोल लेकर निकलते हैं
विज ने कहा- कांग्रेस का काम आग लगाना है। सुबह पेट्रोल की शीशी लेकर निकलते हैं। किसान को असल आजादी अब मिली है। अब कहीं भी फसल बेच सकता है। नहीं तो जिलों व प्रदेश की सीमाओं पर नाके लगते थे। भूपेंद्र हुड्डा का विधानसभा में गला सूख जाता है। वे बाहर ही बोलते हैं।
राजभवन पहुंचे कांग्रेसी विधायक, ज्ञापन सौंपा
कांग्रेस ने तीन नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को चौतरफा घेरने की तैयारी कर ली है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक शुक्रवार को राजभवन पहुंचे और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। हुड्डा ने कहा कि किसानों पर तीन काले कानूनों का संकट मंडरा रहा है। सभी पार्टियां आवाज उठाएं। पंजाब की तर्ज पर विस सत्र बुलाकर तीनों कानूनों को सिरे से खारिज किया जाए। विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया जाए कि कृषि व मंडी व्यवस्था राज्य का मामला है। विधानसभा में बिल लाया जाए, जिसमें किसानों को स्वामीनाथन के सी 2 फार्मूले के तहत एमएसपी की गारंटी दी जाए। एमएसपी से कम रेट पर फसल खरीदने पर कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार ऐसा नहीं करती तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगी।
कृषि मंत्री बोले- अब किसानों के नाम पर राजनीति कर रहा विपक्ष
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि विपक्षी दल किसानों को गुमराह नहीं कर सकते है। विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार द्वारा किसान हित में लाए तीन अध्यादेशों पर बेवजह राजनीति कर रही हैं, जबकि हकीकत में ये अध्यादेश किसान हित में हैं। मंडियों के बाहर अगर किसान अपनी उपज बेचना चाहे तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं। मंडियों में पहले की तरह फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होती रहेगी।
दीपेंद्र का वार- सरकार की साजिशों और दावों की खुली पोल
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि गठबंधन पार्टियों ने 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को समझने की बजाए उसे दबाने व बदनाम करने की कोशिश की। किसान संगठनों पर आरोप लगाया कि ये कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है। इन अध्यादेशों से सरकार की साजिश व दावों की पोल खुल गई है।
देश के कुछ घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए लागू किए अध्यादेश : चढ़ूनी
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि जिस तरह केंद्र में हरसिमरत काैर बादल ने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दिया है, उसी तरह हरियाणा में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चाैटाला काे गठबंधन सरकार से त्यागपत्र दे देना चाहिए। वह शुक्रवार काे हिसार की अनाज मंडी व उचाना में किसानों के धरने पर पहुंचे थे। गुरनाम सिंह ने कहा कि ये अध्यादेश किसान, आढ़ती, मजदूराें और तमाम कमेरा वर्ग के हित में नहीं हैं। अपितु देश के कुछ घरानाें काे लाभ देने के लिए सरकार ने इसे लागू किया है। विभिन्न प्रदेशाें में जब किसान और व्यापारी एकजुट हाेकर विराेध में आए ताे सरकार के सहयाेगी भी परेशान हाे गए। यही वजह है कि हरसिमरत काैर को इस्तीफा देना पड़ा। चढ़ूनी ने कहा- किसानाें काे राजस्थान, पंजाब व अन्य राज्याें में काैन भड़का रहा है। वहां ताे कांग्रेस की सरकारें हैं।