नेपोटिज्म पर ‘रंगीला गर्ल’:उर्मिला मातोंडकर बोलीं- मैंने भी करियर में जमकर नेपोटिज्म को झेला
September 18, 2020
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नेपोटिज्म पर ‘रंगीला गर्ल’:उर्मिला मातोंडकर बोलीं- मैंने भी करियर में जमकर नेपोटिज्म को झेला

[12:39, 9/18/2020] Rupesh Tiware: नेपोटिज्म पर ‘रंगीला गर्ल’:उर्मिला मातोंडकर बोलीं- मैंने भी करियर में जमकर नेपोटिज्म को झेला; उस साल मेरे साथ 16-17 लड़कियों ने एंट्री ली थी, जिनमें से कई इंडस्ट्री के बड़े नामों से जुड़ी थीं कंगना रनोट ने हाल ही में एक्ट्रेस और पॉलिटिशियन उर्मिला मातोंडकर पर अपने स्ट्रगल का अपमान करने का आरोप लगाया था और उन्हें सॉफ्ट पोर्न स्टार भी कहा था। हालांकि उर्मिला का कहना है कि इंडस्ट्री में उनका खुद का स्ट्रगल रहा है और उन्होंने भी काफी बड़ी मात्रा में नेपोटिज्म का सामना किया था। यहां तक कि उनके बारे में भी काफी कुछ अनाप-शनाप लिखा गया था।

एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू के दौरान उर्मिला ने बताया कि ‘हम सभी ने अपने-अपने संघर्षों का सामना किया। मैं खुद एक अत्यंत मध्यमवर्गीय महाराष्ट्रीयन पृष्ठभूमि से आती हूं। मैंने खुद भी नेपोटिज्म को झेला है। मैंने भी इससे लड़ाई लड़ी है और खुद को उससे उबारा भी है।’

करियर की शुरुआत में नेपोटिज्म को झेला

एक्ट्रेस ने बताया कि 1991 में फिल्म ‘नरसिम्हा’ से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत के बाद उन्हें भी नेपोटिज्म का सामना करना पड़ा था, क्योंकि उस साल उनके साथ ही कई नए चेहरे भी लॉन्च हुए थे। जिनमें से ज्यादातर चेहरे इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से संबंधित थे।

उर्मिला ने कहा, ‘अगर मैं ‘नेपोटिज्म’ शब्द के बारे में बात करना शुरू करूं तो मुझे लगातार कई घंटों तक इसके बारे में बात करना होगी। मुंबई से होने के बावजूद जितनी मात्रा में मैंने इसका सामना किया है, सिर्फ यही कहूंगी कि वो काफी चिंताजनक है।’16-17 नई लड़कियों के बीच किया था डेब्यू

उर्मिला के अनुसार, ‘1991 में मेरे अलावा कुछ 16-17 नई लड़कियों ने बॉलीवुड में एंट्री ली थी और उनमें से कुछ आठ या नौ इंडस्ट्री से जुड़े किसी ना किसी व्यक्ति की बेटियां थीं। करिश्मा कपूर, रवीना टंडन, पूजा भट्ट, काजोल उनमें से कुछ नाम हैं।’

मुझे इंडस्ट्री के नियम नहीं पता थे

उन्होंने आगे कहा, ‘रंगीला के पहले मेरे बारे में भी काफी कुछ अनाप-शनाप लिखा गया। मैंने ‘नरसिम्हा’ से काफी अच्छी शुरुआत की थी और लोगों ने मुझे पसंद किया था और डांस और एक्टिंग को लेकर मेरी तारीफ की थी। लेकिन मुझे लगता है क्योंकि इंडस्ट्री में मेरे पास ज्यादा सपोर्ट नहीं था और मैं एक बिल्कुल गैर फिल्मी पृष्ठभूमि वाली आउटसाइडर थी, तो मुझे कहीं ना कहीं यहां के नियम नहीं पता थे।’

मेरे बारे में खूब वाहियात बातें लिखी गईं

‘मुझे ये नहीं पता था कि मीडिया को किस तरह से खुश रखना है। जो कि उस समय बहुत बड़ी बात थी। इस मामले में मैं नॉर्मल से बहुत नीचे थी। मेरे बारे में इतनी वाहियात बातें लिखी गई थीं, कि वो ऐसे फेसेस बनाती है, वो ये है वो वो है, मुझे डिमोरलाइज करने का कोई भी मौका किसी ने भी नहीं गंवाया था। भले ही उस इंसान को अपनी जॉब आती हो या ना आती है। इसमें उस वक्त के मीडिया के अलावा इंडस्ट्री के काफी लोग भी शामिल थे।’

उन्होंने कहा, ‘जिस समय मैं ‘रंगीला’ कर रही थी, उस समय मुझे इस तरह से नकार दिया गया था जैसा सिनेमा के इतिहास में कभी किसी के साथ नहीं हुआ होगा।’
[12:41, 9/18/2020] Rupesh Tiware: शबाना आजमी का 70 वां जन्मदिन:कॉलेज में एडमिशन से पहले पेट्रोल स्टेशन पर 3 महीने तक शबाना आजमी ने बेची थी कॉफी, शशि कपूर पर था क्रश 18 सितंबर 1950 को जन्मीं अभिनेत्री शबाना आजमी 70 वां जन्मदिन मना रही हैं। शबाना ने मशहूर शायर कैफी आजमी के यहां जन्म लिया था। उनके भाई बाबा आजमी एक सिनेमेटोग्राफर हैं।

शबाना आजमी का बचपन कलात्मक माहौल में बीता। पिता मशहूर शायर कैफी आजमी और मां रंगमंच अदाकारा शौकत आजमी के लालन-पालन में शबाना का बचपन मजेदार बीता।

मां से विरासत में मिली अभिनय-प्रतिभा को सकारात्मक मोड़ देकर शबाना ने हिन्दी फिल्मों में अपने सफर की शुरूआत की। पारंपरिक मुस्लिम फैमिली से होने के बाद भी शबाना ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा और हर किरदार में जान फूंकी।

शबाना आजमी की लाइफ के कई ऐसे किस्से हैं, जिनके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते होंगे। उनकी मां शौकत आजमी की ऑटोबायोग्राफी ‘कैफी एंड आई मेमॉयर’ में कई बातों का खुलासा हुआ था। शौकत आजमी का निधन 22 नवंबर 2019 को हुआ था। उन्होंने 2005 में यह ऑटोबायोग्राफी लिखी थी। शबाना के जन्मदिन पर आइए डालते हैं कुछ दिलचस्प बातों पर एक नजर…

शौकत की ऑटोबायोग्राफी में लिखा है, “शबाना को लगता था कि मैं बाबा (शबाना के छोटे भाई) को उससे ज्यादा प्यार करती हूं। एक सुबह मैं शबाना (9) और बाबा (6) को नाश्ता करा रही थी। मैंने शबाना की प्लेट से एक टोस्ट उठाया और कहा- बेटी, बाबा की बस जल्दी आ जाएगी, इसलिए मैं तुम्हारा टोस्ट उसे दे रही हूं। तुम्हारे पास अभी समय है। मैंने एलिस (नौकर) को कुछ ब्रेड लेने को भेजा और शबाना ने चुपचाप नाश्ते की टेबल छोड़ दी। जब एलिस लौटा तो मैंने शबाना को आवाज दी कि बेटी आ जाओ, तुम्हारा टोस्ट तैयार है। मैंने बाथरूम से उसके रोने की आवाज सुनी और वहां भागी। उसने मुझे देखा और जल्दी-जल्दी आंसू पोंछकर स्कूल चली गई।”

शौकत ने आगे लिखा, “शबाना स्कूल की लेबोरेटरी में गई और कॉपर सल्फेट खा लिया। जब उसकी बेस्ट फ्रेंड परना ने बताया कि शबाना ने उससे कहा है कि मैं उससे ज्यादा बाबा को प्यार करती हूं तो मैंने निराशा से अपना माथा पकड़ लिया।”

जब ट्रेन के सामने कूद गई थीं शबाना

शबाना ने दूसरा सुसाइड अटेंप्ट भी बचपन में ही किया था। शौकत ने बुक में लिखा है, “मुझे एक अन्य इंसिडेंट याद है, जब मैंने उसके रूड व्यवहार की वजह से उसे घर से निकल जाने के लिए कह दिया था। तब मुझे पता चला ग्रांट रोड रेलवे स्टेशन पर उसने ट्रेन के आगे आने की कोशिश की। किस्मत से उसके स्कूल का चौकीदार वहीं मौजूद था। उसने ‘बेबी…बेबी क्या कर रही हो’ कहते हुए उसे खींच लिया। शबाना दूसरी बार भी बच गई, लेकिन मैं परेशान हो गई थी। तब मैंने तय किया कि उसे घर से जाने के लिए कहने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा।”

पेरेंट्स से कभी नहीं मांगे एक्स्ट्रा पैसे

शौकत ने अपनी बुक में लिखा है कि शबाना बचपन से ही उसूल वाली रही हैं। बकौल शौकत, “मैं शबाना को जुहू से सांताक्रूज स्टेशन तक बस बस के लिए 30 पैसे रोज देती थी। अगर उसे कोई स्नैक्स चाहिए होते थे तो वह पांच पैसे बचाने के लिए जुहू चौपाटी पर ही उतर जाती थी। लेकिन कभी उसने पेरेंट्स से एक्स्ट्रा पैसे नहीं मांगे। इसके बारे में भी मुझे शबाना की बेस्ट फ्रेंड परना ने ही बताया था।”

30 रुपए प्रति दिन के हिसाब से बेचती थीं कॉफी

शौकत की मानें तो शबाना हमेशा फैमिली की मदद के लिए पैसा कमाने के बारे में सोचती थीं। उन्होंने बुक में लिखा है, “सीनियर कैम्ब्रिज में फर्स्ट डिविजन पास होने के बाद कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले शबाना ने तीन महीने पेट्रोल स्टेशन पर ब्रू कॉफी बेची। इससे उसे 30 रुपए प्रतिदिन मिला करता था। उसने कभी मुझे इसके बारे में नहीं बताया और मैं भी रिहर्सल में इतनी बिजी रही कि उसकी एब्सेंस को नोटिस नहीं कर पाई। एक दिन उसने पूरा पैसा मुझे लाकर दिया, तब मैंने उससे इसके बारे में पूछा। उसने कहा कि उसके पास तीन महीने का वक्त था, जिसे उसने इस्तेमाल कर लिया।”

कभी शेखर कपूर के साथ रिलेशनशिप में थीं शबाना

शबाना आजमी ने एक इंटरव्यू में यह बात कबूल की थी कि वे कई साल ‘बैंडिट क्वीन’ जैसी फिल्मों के डायरेक्टर शेखर कपूर के साथ रिलेशनशिप में रही हैं। उनका ब्रेकअप भी आपसी सहमति से हुआ था। शबाना ने यह भी कहा था कि जब उनका ब्रेकअप हो गया, तब भी उन्होंने शेखर के साथ एक फिल्म की। इसके डायरेक्टर शेखर थे और उनकी पत्नी मेधा उन्हें असिस्ट कर रही थीं।

शशि कपूर पर था शबाना को क्रश

2004 में एक इंटरव्यू के दौरान शबाना ने यह माना था कि उन्हें शशि कपूर पर क्रश था। बकौल शबाना, “शशि और उनकी पत्नी जेनिफर हमारे फैमिली फ्रेंड थे। पृथ्वीराज कपूर मेरे पेरेंट्स के बगल में रहते थे और हर रविवार जब शशि पापा से मिलने आते तो मैं उनके साइन के लिए एक फोटो खरीद लेती थी। जब मैं ‘फकीरा’ (1976) के लिए उनके साथ सिलेक्ट हुई तो घबराई हुई थी। वे बहुत बड़े हीरो थे। शशि और जेनिफर ने मुझे खूबसूरत बनाया।”

शादी से पहले कई बार की ब्रेकअप की कोशिश

2004 में एक इंटरव्यू के दौरान शबाना ने कहा था, “जावेद अक्सर अब्बा के पास पोएट्री लेकर आते थे और सलाह लेते थे। जब मैंने उन्हें जाना तो वे कुछ मजाकिया, अच्छे जानकार और कई मायनों में अब्बा के जैसे लगे। यही वजह है थी कि मैं उनके प्रति अट्रैक्ट हुई। जावेद पहले मैरिड थे। इसलिए हमने कई बार ब्रेकअप की कोशिश भी की। बाद में उन्होंने पहली पत्नी से तलाक लिया और 9 दिसंबर 1984 को हमारी शादी हो गई।”

जावेद अख्तर की पहली शादी हनी ईरानी से हुई थी। दोनों के दो बच्चे हैं। मार्च 1972 को जावेद और हनी की शादी हुई थी और इसके 7 महीने बाद अक्टूबर 1972 में वे बेटी जोया के पेरेंट्स बने। उनके बेटे फरहान अख्तर का जन्म 1974 में हुआ। गौरतलब है कि शबाना और जावेद की कोई संतान नहीं है।

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