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काेरोना बना रामलीला में बाधा:प्रशासन की गाइडलाइन के इंतजार में उत्सव कमेटियां,

काेरोना बना रामलीला में बाधा:प्रशासन की गाइडलाइन के इंतजार में उत्सव कमेटियां,इस बार छोटे स्तर पर हो सकते हैं आयोजन या सोशल मीडिया पर लाइव दिखा सकते हैं क माह बाद 17 अक्टूबर से शुरू होनी है रामलीला
उत्सव कमेटियों ने प्रशासन से की सहयोग की मांगभारतीय संस्कृति की आत्मा श्री रामलीला उत्सव पर भी कोरोना का साया मंडरा रहा है। करीब एक महीने पहले से ही रामलीला की तैयारियां करने वाले संगठनों के सामने उलझन की स्थिति बनी हुई है। 17 अक्टूबर से रामलीला मंचन होता है, लेकिन अभी तक प्रशासन से कोई गाइडलाइन नहीं आई है। आयोजक प्रशासन से मिलकर कोविड-19 के नियमों का पालन के साथ रामलीला करवाने की मांग कर चुके हैं।

अभी प्रशासन के पास केंद्र से कोई गाइडलाइन नहीं आई है कि इस वर्ष रामलीला करवाने की इजाजत देनी है या नहीं और देनी है तो किन शर्तों पर देनी है। यदि जल्द ही प्रशासन ने निर्देश नहीं दिए तो सदियों पुरानी परंपरा पर संकट के बादल छा जाएंगे। कलाकारों की ओर से तैयारी पूरी बताई जा रही है, लेकिन प्रशासन के आदेशों का इंतजार है। अंदेशा जताया जा रहा है कि इस बार आयोजन छोटे स्तर पर हो सकते हैं या सोशल मीडिया पर लाइव भी दिखाई जा सकती है।

गांधी नगर में नहीं होगी रामलीला, रामायण जी का नवाह्न पाठ करेंगे

नेक कुकारो वाली रामलीला कमेटी गांधी नगर कोरोना संकट को देखते हुए इस बार रामलीला मंचन नहीं करेगी। कमेटी के जनरल सेक्रेटरी व पार्षद राधेश्याम ढल व कैशियर डॉ. महेश मदान ने बताया कि रामलीला स्टेज पर ही 7 दिन तक रामायण जी का नवाह्न पाठ होगा।

पुरीधाम में भी हो चुकी है 10 वर्ष रामलीला

संत स्वामी बालकपुरी को रामलीला परम प्रिय रही। उनकी प्रेरणा से युवाओं की टोली ने श्री बाबा बालकपुरी रामलीला उत्सव कमेटी का गठन किया और वर्ष 1990 में पुरीधाम परिसर में ही स्टेज बनाकर 10 दिन तक रामलीला मंचन की शुरुआत की। यह सिलसिला वर्ष 2000 तक अनवरत चलता रहा।

1995 में बाढ़ होने पर भी 4 दिन करवाया था रामलीला मंचन, अब 20 को बैठक

श्री सनातन धर्म पंजाबी रामलीला क्लब प्रताप चौक के पदाधिकारियों व सदस्यों की 20 सितंबर को सुबह 10 बजे बैठक बुलाई गई है। इस मौके पर वर्तमान परिस्थितियों में रामलीला मंचन के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा। क्लब के वाइस प्रेसीडेंट अशोक गुलाटी ने बताया कि हर चुनौती के बीच हर वर्ष रामलीला का मंचन होता आया है। 1995 की बाढ़ में शहर अस्त-व्यस्त था। इस बीच दशहरा का अवसर आ पहुंचा। बाढ़ से बिगड़े हालात चुनौती बन गए। फिर भी परंपरा निभाने के लिए संसाधनों की कमी होते हुए मात्र 4 दिन में पूरी रामलीला मंचन करते हुए दशहरा मनाया गया।

अनुमति व प्रशासन के सहयोग पर मंचन को हम तैयार

प्रधानमंत्री जब अयोध्या में रामलीला करवा रहे हैं तो रोहतक में प्रशासन रामलीला क्लब व कमेटियों के साथ सामंजस्य बैठाकर रामलीला का मंचन क्यों नहीं करा सकता है। हमारी तैयारी पूरी है। इस बार अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर के स्वरूप वाले मंच पर रामलीला खेली जाएगी। यदि प्रशासन सहयोग करेगा तो रामलीला का मंचन किया जाएगा। शासन-प्रशासन को गाइडलाइन जारी करनी चाहिए। – सुभाष तायल, प्रधान, श्रीरामलीला उत्सव कमेटी।

एक दिन पहले भी अनुमति मिली तो होगी रामलीला

लोकल रामलीला कमेटी की ओर से सारी तैयारियां पहले से ही हैं। रामलीला से जुड़े कलाकार भी खाली बैठे हैं। प्रशासन की ओर से अनुमति मिलने का इंतजार है। एक दिन पहले भी इजाजत मिलने पर रामलीला का मंचन कराया जा सकता है। इस दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा। जरूरत हुई तो दशहरे का जलसा छोटा किया जा सकता है। – पवन मित्तल खरकिया, पूर्व प्रधान, श्री लोकल रामलीला पुराना बसस्टैंड।

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