नए कृषि अध्यादेशों को रद्द करवाने के लिए सड़कों पर उतरे किसान, सरकार को 19 तक दिया अल्टीमेटम खेती विरोधी अध्यादेशों को रद्द करवाने व किसानों पर बनाए गए मुकदमे वापिस लेने की मांग को लेकर मंगलवार को किसान संगठनों व आढ़तियों ने नारेबाजी करते हुए डीसी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। साथ ही केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 19 सितंबर तक सरकार ने अध्यादेशों को रद्द नही किया तो 20 सितंबर को बड़ा आंदोलन होगा।
प्रदर्शन से पहले छोटू राम चौक पर एकत्रित हो चौ. छोटू राम को श्रद्धांजलि दी गई। किसान सभा जिला सचिव सुमित ने बताया कि किसान अपनी खेती बाड़ी को बचाने के लिए अध्यदेशों का विरोध कर रहे है, क्योंकि इससे किसानों की फसल को मनमर्जी के दामों पर लूटने की छूट मिलेगी बड़े-बड़े कॉरपोरेट घराने बिना कोई टैक्स सरकार को दिए फसल की खरीद करेंगे। प्रदर्शन में किसान सभा, किसान यूनियन(अ), व आढ़ती एसोसिएशन के लोगों ने हिस्सा लिया इस मौके पर छात्र संगठन एसएफआई ने भी अपना समर्थन किया।
पिपली रैली को लेकर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग
किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल ने कहा कि ये सरकार लाठियां चला किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। बुजुर्ग किसानों को डंडों से पीटा जा रहा है, इसलिए किसान इस तानाशाही के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ता रहेगा। प्रदर्शन के माध्यम से संगठनों ने पिपली रैली के दिन किसानों व आढ़तियों पर बनाये गए मुकदमे वापिस लेने की मांग की है। प्रदर्शन में अनाज मंडी एसोसिएशन के स्टेट प्रधान हर्ष गिरधर ने कहा कि अगर सरकार किसानों की इन मांगों को हल नहीं करती तो आढ़ती भी मैदान में उतर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।