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अरावली के जंगल में फरीदाबाद नगर निगम की जमीन बेच लोगों से पैसे लेकर भूमाफिया हो गए गायब

अरावली के जंगल में फरीदाबाद नगर निगम की जमीन बेच लोगों से पैसे लेकर भूमाफिया हो गए गायब, 30 एकड़ जमीन खाली कराईदिल्ली प्रह्लादपुर बॉर्डर के पास नगर निगम की जमीन पर भू माफियाओं ने बसा दी खोरी कॉलोनी, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती पर कार्रवाईदिल्ली प्रह्लादपुर बॉर्डर के पास नगर निगम की जमीन पर भू माफियाओं ने खोरी कॉलोनी बसा दी और अधिकारी सोते रहे। मामला हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने जब सख्ती दिखाई तो अधिकारी हरकत में आए और सोमवार को करीब 1200 मकानों पर बुल्डोजर चला दिया। इन मकानों में रहने वाले परिवार अपना सामान तक नहीं निकाल पाए। लोग बच्चों को लेकर इधर-उधर भागते रहे। यह कॉलोनी करीब 25 से 30 साल पहले बसनी शुरू हुई थी। वर्तमान में लोगों ने यहां पक्के मकान बना लिए।

खास बात यह है कि कॉलोनी फरीदाबाद में बसी है और यहां के मकानों में बिजली के कनेक्शन दिल्ली से हैa। दिल्ली के कुछ माफिया चोरी से बिजली कनेक्शन देकर सब मीटर लगवा दिए। इसके बदले माफिया लोगों से 13 रुपए प्रति यूनिट की दर से पैसे वसूलते हैं। निगम अधिकारियों की मानें तो 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। अधिकारियों को अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपनी है। इसलिए कॉलोनी में तोड़फोड़ की। अधिकारियों ने कहा कि आगे भी अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सूरजकुंड रोड दिल्ली के प्रह्लादपुर बॉर्डर पर अरावली के जंगल में नगर निगम की जमीन है।

आसपास बड़े-बड़े होटल और दिल्ली के नजदीक होने के कारण भू माफियाओं की नजर इस जमीन पर पड़ गई। उन्होंने यूपी, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उड़ीसा आदि राज्यों से आने वाले मजदूरों को कम पैसे में जमीन उपलब्ध कराने का लालच देकर उन्हें बसाना शुरू कर दिया। पूरी कॉलोनी करीब 150 एकड़ में बसी है। एक अनुमान के मुताबिक छोटे-छोटे करीब 8 से 10 हजार मकान यहां हैं। स्थानीयवासी जगत नारायण, चंदर, सुधीर आदि के अनुसार भू माफियाओं ने उनसे 3000 से 6000 रुपए गज की दर से जमीन बेची है। यहां 25 गज से 100 गज तक के मकान बने हैं।

आरोप – पुलिस और वन विभाग के कर्मचारी ले जाते थे पैसे

उक्त लोगों ने आरोप लगाया कि भूमाफिया उनसे पैसे लेकर जमीन दिखाकर गायब हो जाते थे। जब वह मकान बनाने लगे तो पुलिस और वन विभाग के कर्मचारी यहां आकर उनसे मकान बनाने के बदले पैसे ले जाते थे। लोगों ने यहां मकान तो बना लिए लेकिन मूलभूत सुविधाएं आज तक नहीं है। यहां लोगों के आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड तक बने हैं।

निगम की 90 एकड़ जमीन पर है कब्जा अधिकारियों के अनुसार नगर निगम की करीब 90 एकड़ जमीन पर लोगों ने अवैध रूप से मकान बना लिए हैं। ड्यूटी मजिस्ट्रेट एवं एनआईटी के ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत अटकान के अनुसार सोमवार सुबह 9.15 से दोपहर 2 बजे तक अभियान चलाकर करीब 1200 मकान तोड़ दिए गए। करीब 25 से 30 एकड़ जमीन खाली कराई गई। आगे भी जो अवैध कब्जे हैं उन्हें हटाया जाएगा। इस अभियान में 12 जेसीबी मशीन, एक पोकलैंड और 1500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। उन्होंने बताया इसके पहले भी करीब 13 बार निगम तोड़फोड़ कर चुका है। 18 एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी हैं।

2016 में हाईकोर्ट ने निगम के अगेंस्ट फैसला सुनाया: नगर निगम के एडवोकेट सतीश आचार्य के अनुसार नगर निगम पहले भी अवैध कब्जों को तोड़ता रहा है। लेकिन बाद में यहां के लोग पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चले गए। वर्ष 2016 में हाईकोर्ट ने निगम के अगेंस्ट फैसला सुनाया और तोड़फोड़ पर रोक लगा दी। इसके बाद निगम हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया।

मकान फरीदाबाद में, बिजली आ रही दिल्ली से: खोरी कॉलोनी फरीदाबाद की सीमा में बसी है। लेकिन यहां के मकानों में बिजली की सप्लाई दिल्ली से हो रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई दबंग लोग उनके मकान में सब मीटर लगाकर हर माह बिजली बिल वसूलते हैं। किसी भी घर में बिजली जले न जले 600 रुपए देना होगा।

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