5 जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट:प्रदेश में 7.38 लाख हेक्टेयर में उगाई फसल, कर्ज तले दबे किसान, सफेद मक्खी और गलने से कपास बर्बाद; 1.65 लाख हेक्टेयर में 25 फीसदी, 1.15 लाख में 50 प्रतिशत, 61 हजार में 75% तक नुकसान सफेद मक्खी ने फेरा किसानों के अरमानों पर पानी, सूचना के 15 दिन बाद भी अधिकारियों ने हालत न जानी
15 हजार हेक्टेयर में 76 से 100 फीसदी तक फसल खराब हुई, पीड़ित किसानों ने मुआवजा की गुहार लगाईकोरोना काल में किसानों पर सफेद मक्खी की बड़ी मार पड़ी है। 50 हजार से एक लाख रुपए तक कर्ज लेकर 7.38 लाख हेक्टेयर में कपास उगाने वाले किसानों की फसलें सफेद मक्खी के प्रकोप से तबाह हो गई हैं। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी और दादरी में डेढ़ लाख से ज्यादा हेक्टेयर में 25 फीसदी तक नुकसान है, जबकि 1.15 लाख हेक्टेयर में 50 फीसदी, 61 हजार हेक्टेयर में 75 फीसदी और 15 हजार हेक्टेयर से ज्यादा में 76 से 100 फीसदी तक कपास की फसल खराब हुई है।
उल्लेखनीय है कि अब कपास की सफेद मक्खी और गलन के कारण बर्बाद हुई फसलाें काे लेकर किसान मुआवजे की मांग काे लेकर प्रतिदिन विभागीय अधिकारियाें के चक्कर लगा रहे हैं। बावजूद इसके विभागीय अधिकारी किसानाें काे मदद देने के बजाय माैके पर पहुंचकर जांच करने तक नहीं पहुंच रहे। कई जगह तो किसानों का कहना है कि सूचना देने के 15 दिन भी कोई सुध लेने उनके यहां नहीं पहुंचा। सभी जिलाें के ब्लाक अधिकारियाें ने रिपाेर्ट कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर काे साैंपी है। किसानाें ने चेतावनी दी कि यदि जल्द बर्बाद फसल का मुआवजा नहीं मिला ताे वह बड़ा आंदाेलन करने काे बाध्य हाेंगे।एचएयू और कृषि विभाग के वैज्ञानिकाें के सर्वे में खुलासा
कपास की फसल हल्की जमीन, पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हाेने और पाेषण प्रबंधन के अभाव में राेग ग्रस्त हाे रही है। कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा. डा बलवंत शहारण ने बताया कि सर्वें में पता चला कि किसानाें की फसल में अधिकतर सफेद मक्खी के साथ साथ पैराविल्ट और आक्सिमक गलन भी पाई गई। सर्वें में पाया गया कि कुछ किसानाें ने पेस्टीसाइड और तेज स्प्रे और दवाईयाें का भी प्रयाेग किया। जिसके कारण परेशानी हुई।
10 एकड़ में उगाई कपास बर्बाद, कोई देखने नहीं आया
सूंडावास गांव के रहने वाले किसान सुभाष का कहना है कि उनकी करीब 10 एकड़ में लगाई गई कपास की फसल सफेद मक्खी के कारण बर्बाद हाे गई है। आराेप है कि सूचना देने के बावजूद विभागीय अधिकारियाें ने सर्वें करने आना तक मुनासिब नहीं समझा है।
7 में से 6 एकड़ फसल रोग से खराब, कर्ज से परेशान
कालवास गांव के रहने वाले किसान कृष्ण ने बताया कि उसने करीब 7 एकड़ में कपास की फसल उगाई थी। 6 एकड़ फसल राेग के कारण बर्बाद हाे गई है। उसे 50 हजार का नुकसान हुआ है। उन्हाेंने कर्ज पर रुपए लेकर फसल उगाई थी। अब आर्थिक मदद नहीं मिली ताे घर चलाना मुश्किल हाे जाएगा।
15 दिन पहले दी थी सूचना अभी तक नहीं किया सर्वे
मंगाली गांव के किसान संताेष का कहना है कि उन्हाेंने करीब 3 एकड़ जमीन में कपास की फसल लगाई थी। 15 दिन पहले सूचना विभाग को दी थी, लेकिन कोई अधिकारी सर्वें करने नहीं आया, जिस पर उसके 50 हजार रुपए खर्च हाे चुके हैं। जल्द मुआवजा दिया जाए।
400 किसानाें की फसल खराब, मदद की गुहार
मुजादपुर गांव के किसान बिजेंद्र सिंह ने कहा कि करीब 5 एकड़ में कपास उगाई थी। फसल सफेद मक्खी के कारण बर्बाद हाे गई है। 60 हजार से अधिक रुपए खर्च हाे चुके हैं। गांव के करीब 400 से अधिक किसानाें की फसल खराब हुई है। सरकार किसानों की जल्द से जल्द आर्थिक मदद करे।