घाटे से बचने के लिए बनाया प्लान, अब भरेगी तो चलेगी बहादुरगढ़ से रोडवेज की बसें काेविड-19 महामारी के चलते राेडवेज की बसाें के चलने के बाद भी यात्रियाें की संख्या में नहीं आ पा रही तेजीकोरोना काल में रोडवेज की बसों के चलने के बाद भी यात्रियों की कम हो रही संख्या के बीच रोडवेज की बसों के रुट को घाटे से बचाने के लिए रोडवेज के चालकों व परिचालकों ने अब नया तरीका अपनाया है। बस अड्डे के अंदर तो यह संभव नहीं है क्योंकि बस अड्डे पर तो समय सारणी के हिसाब से बसो को चलाया जाता है। पर अब बहादुरगढ़ के बस अड्डे पर स्थित मेट्रो स्टेशन परिसर में बसों को इस तरह से खड़ा किया जा रहा है कि कोई भी बस अपने आप आगे बढ़कर नहीं जा सके।
इसके लिए बसों को अपनी बारी के आने का इंतजार करना पड़ेगा। वहीं रोडवेज के चालकों व परिचालकों दोनों ने ही रुट को नुकसान से बचाने के लिए इस तरह की क्यू तैयार किया है व यात्रियों को प्राइवेट वाहनों पर चढ़ने से रोकने के लिए आवाज लगाकर बसों में बैठने को कहा जा रहा है। अधिक नुकसान होने से रोडवेज के चालकों व परिचालकों को रुट भी टूटने का खतरा बना रहता है। इस कारण नए फार्मूलों में यह तरकीब काम कर गई है। अब बस में जब तक 20 से 25 सवारी नहीं बैठती तब तक रोडवेज की बसों को नहीं चलाया जाता।
अब रोडवेज बसों में सीटों के मुताबिक सवारियां बैठाने के मिले चुके हैं आदेश
हरियाणा रोडवेज में बहादुरगढ़ के डिपो की बसों को मेट्रो स्टेशन के नीचे खड़ा करने से दो लाभ हो रहे हैं। पहले रोडवेज की बसें बस डिपो के अंदर खड़ी होती थी व प्राइवेट बसें व अन्य वाहन बस अड्डे के बाहर मेट्रो स्टेशन के नीचे से सवारियों को भरकर चले जाते थे व रोडवेज की बसें खाली रह जाती थी। अब इस तरह के नए प्रयास से करीब दस के करीब रोडवेज की बसें एक लाइन में खड़ी हो जाती है व प्राइवेट वाहनों व प्राइवेट बसों को खड़ा होने का स्थान नहीं मिलता है। इस तरह से जब तक एक बस में 20 से 25 सवारी नहीं बैठती तब तक वह चलती नहीं।
इसके चलते अब प्राइवेट बसों ने बस परिसर के अंदर ही वाहनों को खड़ा करने का स्थान मिल पा रहा है। जबकि पहले रोडवेज की बसें बस अड्डे के अंदर व प्राइवेट बसों बाहर से सवारियां खड़ी करते है। हरियाणा सरकार की ओर से कोरोना काल के दौरान हरियाणा रोडवेज की बसों में सीटों के मुताबिक आधी सवारियां बैठाने के आदेशों में भी बदलाव हो चुका है। अब रोडवेज की बसों में सीटों के मुताबिक सवारियां बैठने के आदेश हैं। जिसके चलते अब रोडवेज की बसों में सवारियों को बैठाने से पहले परिचालक घोषणा करता है कि सभी सवारी अपने मुंह पर मास्क लगा लें, अन्यथा वे बस से नीचे उतर सकते हैं। बिना मास्क वाली सवारियों को बस में यात्रा करने नहीं दिया जाएगा।
सभी बसों को डिपो से निकलने से पहले किया जा रहा सेनिटाइज
बहादुरगढ़ डिपो में कुल 59 बसें हैं। इन दिनों केवल 40 बसों का ही संचालन हो रहा है। इन सभी बसों को डिपो से निकलने से पहले सैनिटाइज कराया जाता है। इसके बाद इनमें यात्री सवार होते हैं और बसें अपने स्थल की ओर रवाना हो जाती हैं। कोरोना काल के कारण बसों में पहले आधे यात्री ही यात्रा करते थे, लेकिन बाद में नियमों को बदलते हुए बसों में सीटों के मुताबिक सवारियां बैठने की अनुमति मिल गई थी। कोरोना काल के दौरान लंबी दूरी की बसें अभी नहीं चल पा रही हैं। फिलहाल बहादुरगढ़ से रोहतक, पानीपत, हिसार, सोनीपत, गुरुग्राम और जींद तक ही बसों का संचालन हो रहा है। फरीदाबाद की तरफ बहादुरगढ़ से हरियाणा रोडवेज की बसें पहले भी नहीं जाती थी और अब भी यहां संचालन नहीं होता। जबकि रोहतक, झज्जर, बेरी, बाढ़सा, बादली, खरखौदा पर लगातार बसों का अधिक संचालन हो रहा है।
लंबी दूरी की बसें नहीं चलाई जा रही
सरकार की ओर से दिए गए आदेशों के मुताबिक बसों का संचालन किया जा रहा है। अब तो बसों को फुल सवारी के साथ चलाने के आदेश मिले हैं। फिलहाल लंबी दूरी की बसों का संचालन नहीं हो रहा है। बहादुरगढ़ डिपो में 59 बसें हैं। इन दिनों सवारियों के हिसाब से 40 बसों का संचालन हो रहा है। बहादुरगढ़-बादली-बाढ़सा, बहादुरगढ़-सांपला-बेरी की बसों का टाइम फिक्स है। फुल सवारी के साथ बसों के संचालन से यात्रियों को काफी फायदा हो रहा है व यात्रियों की संख्या भी बढ़ गई है। अब जाम से बचने के लिए बसो को मेट्रो स्टेशन के नीचे लाइन में खड़ा करके निकालने का प्रयास किया जा रहा है जिससे यात्रियों को परेशानी नहीं हो।-धर्मबीर राठी, डीआई बहादुरगढ़ डिपो।