कोरोना का नहीं डर:हर माह एक लाख से अधिक चालान कटे, फिर भी मास्क नहीं लगा रहे
September 6, 2020
मिशन एडमिशन:कल से कॉलेजों में दाखिले शुरू,ऑनलाइन आवेदनों की जांच को लेकर कमेटी तैयार
September 6, 2020

नए बस अड्‌डे के रास्ते में रुकावटें:3 साल में सुप्रीम कोर्ट से मामला सुलझा तो फिर फंसा पेंच,

नए बस अड्‌डे के रास्ते में रुकावटें:3 साल में सुप्रीम कोर्ट से मामला सुलझा तो फिर फंसा पेंच, अब 6 कनाल जमीन का मुद्दा कोर्ट में प्रस्तावित मुख्य गेट के सामने है जमीन, इसी को लेकर डाली है याचिका
विवाद के चलते चीफ आर्किटेक्ट ने जारी नहीं की है फाइनल ड्राइंगशहर के सेक्टर-20 में प्रस्तावित नए बस अड्‌डे के लिए अभी और इंतजार करना होगा। बस अड्‌डे के मुख्य द्वार के पास की जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा हुआ है, जिसकी वजह से फाइनल ड्राइंग में बदलाव की संभावना को देखते हुए इसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हालांकि जिस जमीन को लेकर विवाद है, वह हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के साथ है जिसे बस अड्‌डे के लिए अधिग्रहित किया गया है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की तरफ से वर्ष 2012 में शहर के सेक्टर-20 में बाईपास पर 20 एकड़ 1 कनाल एवं छह मरला जमीन का अधिग्रहण किया था।

इसके बाद एचएसवीपी के इस अधिग्रहण को कई परिवारों की तरफ से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट में करीब 3 साल तक चली सुनवाई के बाद इस साल फरवरी में इससे संबंधित याचिकाएं खारिज हो गई थी। इसके बाद रोडवेज प्रबंधन ने इस जमीन पर कब्जा ले लिया था, जिसके बाद इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने बैठक करके जल्द इसका निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। तत्पश्चात ड्राइंग लोक निर्माण विभाग के माध्यम से चीफ आर्केटेक्ट के पास भेज दी गई, लेकिन जहां से बस स्टैंड का एंट्री और आउटर गेट आया है, वहां की जमीन को लेकर विवाद चला हुआ है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है, जिसकी वजह से बदलाव की भी संभावना बढ़ गई है।

2013 में ही हो गया था शिलान्यास, काम अब तक नहीं हो पाया है शुरू

शहर के नए बस स्टैँड के लिए एचएसवीपी की तरफ से सेक्टर-20 में जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जिसके बाद वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने इसका शिलान्यास कर दिया था। इसी बीच अधिग्रहण को चुनौती देते हुए मामला कोर्ट तक चला गया था। चूंकि एक परिवार की याचिका का तो समाधान हो चुका है बाकि होटल मालिक का मामला अभी लंबित है। ऐसे में पिछले सात साल से नए बस स्टैंड का निर्माण कार्य प्रारंभ होने का इंतजार किया जा रहा है। एक परिवार सहित अन्य चार-पांच याचिकाओं के खारिज होने के बाद रोडवेज की तरफ से साइट प्लान तैयार कराने के लिए पीडब्ल्यूडी को पत्र भी भेजा है लेकिन अभी ड्राइंग फाइनल नहीं हो पाई है।

होटल मालिक ने दी हुई है चुनौती

शहर के एक व्यवसायी की तरफ से जहां से बस स्टैंड का प्रवेश द्वार बनना है, वहां पर उनका होटल है। यह ग्रीन बेल्ट के अंदर पड़ता है, जिसको लेकर उनकी तरफ से पहले ही चुनौती दी हुई है। फिलहाल मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा हुआ है। ऐसे में इसका फैसला बस स्टैंड के एंट्री और आउटर गेट तय करेगा, जिसकी वजह से चीफ आर्केटेक्ट की तरफ से कुछ संशोधन मांगे हैं। एंट्री गेट और आउट गेट के लिए नए विकल्प के साथ अन्य संशोधन पर भी विचार किया जा रहा है। ऐसे में रोडवेज प्रबंधन दोनों ही विकल्प साथ लेकर चल रहा है, ताकि केस में निर्णय आने के बाद कोई बड़ा बदलाव नहीं करना पड़े। होटल मालिक ने इसमें एचएसवीपी के फैसले को चुनौती दी हुई है।

समस्या पुराना बस अड्‌डा हो रहा जर्जर

सरकुलर रोड स्थित बस अड्‌डे का भवन अब जर्जर हो गया है। एक हिस्सा तो गिराना भी पड़ा था। सबसे बड़ी समस्या इसका शहर के बीच में होना है, क्योंकि सरकुलर रोड को शहर की लाइफलाइन माना जाता है। यहां पर यातायात के बढ़ते दबाव के चलते जाम लगा रहता है। इसलिए शहर से बाहर बस अड्‌डे की जरूरत है, जिसके निर्माण का इंतजार सालों लंबा खिंच रहा है।

नए बस स्टैंड के लिए फाइनल ड्राइंग अभी नहीं हुई है और हमारी तरफ से यह भेजी हुई है। उनकी तरफ से कुछ संशोधन मांगे हैं, जिसके संबंध में रोडवेज को लिख दिया है। एक याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में है, जिसको देखते हुए सभी विकल्पों को ध्यान में रखते हुए काम किया जाएगा। ड्राइंग की अप्रूवल होने के बाद ही शेष प्रक्रिया बढ़ाई जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES