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भारतीय कंपनियां भेज रहीं नेपाल को मदद:देश की तीन कंपनियों ने नेपाल

भारतीय कंपनियां भेज रहीं नेपाल को मदद:देश की तीन कंपनियों ने नेपाल में जीवन-रक्षक रेमडेसिविर की सप्लाई शुरू की, अब तक वहां एंटी वायरल उपलब्ध नहीं था फार्मा कंपनियां माइलान, सिप्ला और हेटेरो ड्रग्स ने नेपाल में दवा की सप्लाई शुरू की
नेपाल ने सबसे पहले 570 शीशियों का ऑर्डर दिया, जिसकी डिलिवरी भी हुईभारत की तीन फार्मास्युटिकल कंपनियों ने नेपाल को जीवनरक्षक दवा रेमडिसिविर की सप्लाई शुरू कर दी हैं। एंटी वायरल दवा का इस्तेमाल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए किया जाता है। यह दवा अब तक नेपाल में उपलब्ध नहीं थी।

ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल नारायण प्रसाद ठकाल ने कहा कि हमने रेमडेसिविर के सप्लाई के लिए तीन कंपनियों को इजाजत दी है। हमारी मांगों के हिसाब से माइलान, सिप्ला और हेट्रो ड्रग्स एंटी वायरल दवा की आपूर्ति करेंगे। हम केवल इन कंपनियों द्वारा आपूर्ति की गई एंटी-वायरल के इस्तेमाल की इजाजत देंगे।

भारत से दवा मंगाने में लागत कम

उन्होंने कहा कि इनमें से माइलान ने नेपाल को एंटी वायरल की डिलिवरी शुरू कर दी है। सबसे पहले हमने इसके 570 शीशियों का ऑर्डर दिया है, जिसकी डिलिवरी भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों तक पहुंच आसान है। वहां से इसे मंगाने में लागत भी कम आती है, इसलिए हमने उन्हें इजाजत दी।

अभी विशेष व्यवस्था के तहत दवा मंगानी पड़ती है

रेमडेसिविर उन मरीजों के लिए कारगर साबित हुई है, जिन्हें इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में रखा गया। डीजी ढकाल ने कहा, ‘‘नेपाली बाजार में आने पर एक शीशी की कीमत लगभग 7,800 नेपाली रुपए होगी।’’ नेपाल में जो मरीज क्रिटिकल होते हैं, उनके परिवार को विशेष व्यवस्था के तहत इसे भारत से मंगाना पड़ता है। नेपाल में आने से यह आसानी से उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी। साथ ही उनके खर्च में भी बचत होगी।

भारत हमेशा मदद के लिए आगे

नेपाल के ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल ने बताया कि हमेशा भारतीय कंपनियां देश को ड्रग्स और फार्मास्युटिकल्स निर्यात के लिए आगे आती हैं। अन्य देशों से दवाओं के आयात की इजाजत 123 कंपनियों को मिली है। इनमें से आधे से ज्यादा भारतीय कंपनियां हैं, जो यूरोप या अमेरिका में हेडक्वॉर्टर वाली पैरेंट कंपनियों के लिए अलग-अलग रूप में काम करती हैं।

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