अमेरिका का चीन पर निशाना:विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा- चीन ने हॉन्गकॉन्ग की आजादी खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाए ‘ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिन्होंने हॉन्गकॉन्ग के लोगों की की आजादी को कुचल दिया’
‘चीन ने सिनो-ब्रिटिश संयुक्त घोषणापत्र का उल्लंघन किया, जिसमें कहा गया था कि हॉन्गकॉन्ग में 50 साल तक स्वायत्त क्षेत्र रहेगा’अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिका उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिन्होंने हॉन्गकॉन्ग के लोगों की आजादी को कुचल दिया है। अमेरिका हॉन्गकॉन्ग को एक देश, एक प्रणाली के रूप में समझेगा।
मॉर्गन ने कहा- चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने हॉन्गकॉन्ग की आजादी खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। चीन ने सिनो-ब्रिटिश संयुक्त घोषणापत्र के तहत ब्रिटेन को वादा किया था कि हॉन्गकॉन्ग में 50 साल तक स्वायत्त क्षेत्र के नियम लागू रहेंगे।
द्विपक्षीय समझौतों का निलंबन
प्रवक्ता ने कहा कि हमने हॉन्गकॉन्ग के अधिकारियों को तीन द्विपक्षीय समझौतों के निलंबन को लेकर 19 अगस्त को सूचित किया। इन समझौतों में भगोड़े अपराधियों के आत्मसमर्पण, जहाजों के इंटरनेशनल ऑपरेशन से प्राप्त आय पर टैक्स छूट, सजा प्राप्त व्यक्तियों का ट्रांसफर शामिल है।
चीन ने हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर वहां के लोगों की आजादी पर हमला किया। हालांकि, चीन ने कहा था कि आतंकवाद और अलगाववाद से निपटने के लिए यह कानून बेहद जरूरी है। 1 जुलाई से हॉन्गकॉन्ग में यह कानून प्रभावी हो गया।
अमेरिका समेत कई देशों ने विरोध किया था
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि हॉन्गकॉन्ग को अब पहले की तरह व्यापार का विशेष दर्जा नहीं मिलेगा। अब यह मुख्य वित्तीय केंद्र नहीं रहेगा। अमेरिका को उम्मीद थी कि हॉन्गकॉन्ग आजादी से काम करके चीन के लिए उदाहरण पेश करेगा। हालांकि, अब यह स्पष्ट हो चुका है कि चीन, हॉन्गकॉन्ग को अपने मॉडल पर ढाल रहा है।