बीजेपी के जिला प्रधानों का ऐलान:भाजपा का 3 जिलाध्यक्षों पर भरोसा बरकरार, नए बने 19 में संघ की पृष्ठभूमि और सीनियरों को दी तवज्जो, जिलों में जातीय समीकरण बैठाने पर दिया जोर 19 जिलों में नई नियुक्तियां, सिरसा में देवीलाल परिवार के आदित्य को मिली जिम्मेदारी
सोनीपत में राई विधायक मोहन लाल बड़ोली को दी जिम्मेदारीभाजपा ने प्रदेश में अपने 19 जिलाध्यक्ष बदल दिए हैं, जबकि तीन पर दोबारा भरोसा जताया है। एक विधायक और दो महिलाओं को भी जिलाध्यक्षों की सूची में तवज्जो मिली है। नए बने 19 अध्यक्षों में संघ की पृष्ठभूमि के साथ सीनियरों नेताओं को तवज्जो दी गई है। इसके साथ ही जिलों में जातीय समीकरण का ध्यान रखा गया है।
रोहतक, फरीदाबाद व कैथल जिलों में पुराने जिला अध्यक्षों को ही दोबारा पार्टी की कमान सौंपी है। नई सूची में विधायक, चेयरमैन व पूर्व चेयरमैन के अलावा पार्टी के उन कार्यकर्ताओं को जिला अध्यक्ष की कमान सौंपी है, जो लंबे समय से संगठन के साथ जुड़े हैं। नई कार्यकारिणी में किसान प्रकोष्ठ के नेताओं को भी प्रतिनिधित्व दिया गया।
सिरसा से देवीलाल परिवार के सदस्य को देकर बड़ा दांव खेला गया है। पहला मौका है जब राज्य में बीजेपी ने देवीलाल परिवार को जिम्मेदारी सौंपी है। अहीरवाल के जिलों रेवाड़ी, गुड़गांव व महेंद्रगढ़ सहित तीनों जिलों में संगठन के पुराने चेहरों को कमान सौंपी गई। सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट कर सभी जिला अध्यक्षों को बधाई दी है।
ये 3 रिपीट, क्योंकि विवादों से बचकर सबसे तालमेल रखा
फरीदाबाद- गोपाल शर्मा : जिले के मंत्रियों व विधायकों से बेहतर तालमेल के साथ बिना विवाद के पिछला कार्यकाल रहने से दोबारा जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके पहले 2007 से 2010 तक भी जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। इनहें तीसरी बार पद मिला है। आरएसएस से जुड़े होने के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के करीबी माने जाते हैं। इसका फायदा मिला है।
लोकसभा में जीत का इनाम
रोहतक- अजय बंसल : एक बार फिर जिम्मेदारी सौंपी गई है। पेशे से उद्योगपति हैं। 2016 में इन्हें अध्यक्ष बनाया था। इनके कार्यकाल में ही 2004 से कांग्रेस के खाते में चल रही रोहतक लोस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की। निगम चुनाव में जीत दिलाई। भाजपा ने इन्हें इनाम दिया है।
22 साल से संघ से जुड़े हैं
कैथल- अशोक गुर्जर : पिछले 22 वर्ष से आरएसएस व भाजपा से जुड़े हैं। सीएम के करीबी व पार्टी नेताओं अच्छा तालमेल है।
विज के सहयोग से मिली कुर्सी
अम्बाला- राजेश बतोरा : भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश बतोरा एससी समुदाय से हैं। 20 साल से संघ व भाजपा से जुड़े हैं। किसी गुट की छाप नहीं होने का फायदा मिला। अनिल विज व प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा का सहयोग मिला।
सीएम के करीबी होने का लाभ
करनाल- योगेंद्र राणा : गैर विवादित छवि और जातीय संतुलन साधने की कोशिश की है। वहीं, सीएम के नजदीक होने का फायदा मिला है। राणा कोरोना पॉजिटिव हो गए थे, ठीक हो चुके हैं।
कटारिया के निजी सचिव भी हैं
यमुनानगर -राजेश सपरा : पंजाबी समुदाय को साधने की कोशिश की गई है। अभी केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया के निजी सचिव भी हैं। शिक्षा मंत्री कंवरपाल, विधायक घनश्यामदास व बराला के बेहद नजदीकी माने जाते हैं।
सीएम-धनखड़ से थी नजदीकी
कुरुक्षेत्र- राजकुमार सैनी : 2003 से भाजपा से जुड़े हैं। अभी किसान मोर्चा में प्रदेश महामंत्री थे। विस चुनाव में पिहोवा प्रभारी रहे। सीएम व धनखड़ के नजदीकी हैं। हालांकि विधायक सुधा के विरुद्ध चिठ्ठी लिखी थी।
विधायक को मिली जिम्मेदारी
सोनीपत- मोहन लाल बड़ोली : राई विधायक बड़ोली को अध्यक्ष बनाया है। वे मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ के साथ पुरानी संगठनात्मक नजदीकी रहे हैं। यहां संघ को तवज्जो भी दी गई।
2 बार हार चुके, मिली जिम्मेदारी
झज्जर- विक्रम कादियान : बेरी हलके से हैं। भाजपा की टिकट पर दो बार बेरी से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत दर्ज नहीं कर पाए। कादयान कैप्टन अभिमन्यु के रिश्तेदार व बीरेंद्र सिंह के करीबी हैं।
संघ की सिफारिश से मिला पद
पानीपत- डॉ. अर्चना गुप्ता : महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष को संघ व संगठन की सिफारिश पर पद मिला है। वहीं, सांसद संजय भाटिया की भूमिका सबसे अहम रही। भाजपा ने अग्रवाल समाज के साथ ही महिला को भी प्रतिनिधित्व दिया है।
प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ की पसंद
भिवानी- शंकर धूपड़ : तीन दशक से पार्टी व संगठन के लिए काम कर रहे हैं। इनकी गिनती पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ के नजदीकियाें में हाेती है। इन्होंने अनेक बार पार्टी के विभिन्न पदाें पर रहते हुए पार्टी काे मजबूत करने के लिए कार्य किया है।
लंबे समय से संघ जुड़ा है परिवार
महेंद्रगढ़- राकेश शर्मा : ये नारनौल के रहने वाले हैं। इनके पिता कैलाश चंद शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं। योजना बोर्ड हरियाणा के चेयरमैन भी रहे हैं। शर्मा परिवार आरएसएस से जुड़े रहा है। इसका इनाम दिया गया है।
सीएम के ओएसडी थे व संघ से जुड़ाव
हिसार- कैप्टन भूपेंद्र सिंह : सीएम के ओएसडी रहे हैं। इसके अलावा इनके पिता व ये खुद लंबे समय से आरएसएस से जुड़े हुए हैं। जाट बाहुल्य क्षेत्र को साधने की कोशिश की गई है।
जातीय संतुलन बनाने की कोशिश
जींद- राजू मोर : केंद्रीय नेताओं राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, विजय गोयल से नजदीकी और जातीय समीकरण बनाने के लिए पद दिया गया, क्योंकि यहां विधायक और सांसद दोनों पदों पर नॉन जाट नेता हैं। संतुलन बनाया गया है।
पुराने कार्यकर्ता व धनखड़ के करीब
रेवाड़ी- हुकुम चंद यादव : 2014 से कोसली विधानसभा निगरानी समिति के संयोजक हैं। किसान मोर्चा में जिलाध्यक्ष से प्रदेश कार्यकारिणी तक जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। धनखड़ के नजदीक हैं। राव इंद्रजीत के गुट से नहीं हैं।
ज्यादात्तर ऐसे नेता, जो पहले से जिलों व राज्य में पदाधिकारी
गुड़गांव से खादी बोर्ड की चेयरमैन और भाजपा की प्रदेश मंत्री गार्गी ककड़ को जिम्मेदारी मिली। महेंद्रगढ़ से भाजपा के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य राकेश शर्मा, मेवात से पूर्व जिला महामंत्री नरेंद्र पटेल, जींद से प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजू मोर, यमुनानगर से पूर्व जिला महामंत्री राजेश सपरा, झज्जर से प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विक्रम कदियान, दादरी से प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सत्येंद्र परमार, कुरुक्षेत्र से राजकुमार सैनी पूर्व प्रदेश महमंत्री किसान मोर्चा, रोहतक से पूर्व जिला अध्यक्ष अजय बंसल, अम्बाला से जिला महामंत्री राजेश बतौरा, सिरसा से जिला पार्षद आदित्य देवीलाल, कैथल से पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक ढांड, भिवानी से शंकर धुपड़ पूर्व प्रदेश महामंत्री बीसी मोर्चा, सोनीपत से मोहन लाल कौशिक, पानीपत से महिला मोर्चा की पूर्व जिला अध्यक्ष अर्चना गुप्ता और हिसार से पूर्व चेयरमैन कैप्टन भूपेंद्र सिंह को जिला अध्यक्ष बनाया गया।
प्रदेश कार्यकारिणी का गठन जल्द : प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी का चयन जल्द होना है। इनमें प्रदेश महासचिव, सचिव, संगठन सचिव समेत कई पदों पर नियुक्तियां होंगी। प्रदेश संगठन मंत्री का चयन नई दिल्ली से होगा, क्योंकि वर्तमान संगठन मंत्री सुरेश भट्ट का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। वे वापस उत्तराखंड जाएंगे।