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सतलज-यमुना लिंक नहर पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की चेतावनी- नहर बनी तो पंजाब जलने लगेगा,

सतलज-यमुना लिंक नहर पर तकरार:मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की चेतावनी- नहर बनी तो पंजाब जलने लगेगा, मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से देखा जाए अमरिंदर सिंह बोले- एसवाईएल और रावी-ब्यास जल मुद्दे पर चर्चा में राजस्थान को भी शामिल होना चाहिए
पंजाब, हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग कीपंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से देखने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नहर बनती है, तो पंजाब में आग लग जाएगी।

अमरिंदर सिंह ने यह बयान एसवाईएल नहर मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई एक बैठक में दिया।

हरियाणा और राजस्थान पर भी पड़ेगा असर
अमरिंदर सिंह ने कहा कि मुद्दे को गंभीरता ले लिया जाना चाहिए। अगर आप एसवाईएल के साथ आगे बढ़ने का फैसला करते हैं, तो पंजाब में आग लग जाएगी और यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन जाएगा। इसका असर हरियाणा और राजस्थान पर भी पड़ेगा।1966 में हुआ था पंजाब का बंटवारा
पंजाब की सरकार की रिलीज के मुताबिक, अमरिंदर सिंह ने कहा कि 1966 में पंजाब के विभाजन के समय संसाधनों को 60:40 के अनुपात में बांटा गया था। लेकिन इसमें पानी शामिल नहीं था। उन्होंने कहा कि पंजाब का यमुना के पानी अधिकार था, जो राज्य के बंटवारे के बाद 60:40 की हिस्सेदारी के मुताबिक उन्हें नहीं मिला। पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस भावनात्मक मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ एकसाथ बैठकर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की।

ट्रिब्यूनल बनाने का सुझाव दिया
उन्होंने सुझाव दिया कि एसवाईएल और रावी-ब्यास जल मुद्दे पर चर्चा में राजस्थान को भी शामिल होना चाहिए, क्योंकि वह भी इसमें स्टेकहोल्डर है। उन्होंने मीटिंग को सकरात्मक और सौहार्दपूर्ण बताया। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री पंजाब के पक्ष को अच्छी तरह समझते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले में ट्रिब्यूनल का गठन किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इरडी आयोग ने 40 साल पहले पानी का बंटवारा किया था, जबकि इंटरनेशनल नियम कहते हैं कि वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए हर 25 साल में रिव्यू किया जाना चाहिए।

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