आस्था से खिलवाड़:चीन ने शिनजियांग में मस्जिद तोड़कर पब्लिक टॉयलेट बनाया; यहां के अतुश सुंथग गांव में 3 मस्जिदें थीं, 2 जिनपिंग सरकार ने गिराईं चीन में उइगर मुस्लिमों की धार्मिक आस्थाओं पर शी जिनपिंग सरकार लगातार हमला बोल रही है
रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक- जिस जगह सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है, वहां पहले तोकुल मस्जिद थीचीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग राज्य में उइगर मुसलमानों पर सरकार का जुल्म बढ़ता जा रहा है। सरकार उनकी मस्जिदें गिरा रही है। शिनजियांग के अतुश सुंथग गांव में मस्जिद को तोड़कर पब्लिक टॉयलेट बनाया गया है। दो साल पहले तक इस गांव में 3 मस्जिदें थीं। इनमें से तोकुल और अजना मस्जिद गिरा दी गई हैं। जिस जगह सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है, वहां पहले तोकुल मस्जिद थी। रेडियो फ्री एशिया (आरएफए ) ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है। आरएफए के मुताबिक, यह सबकुछ 2016 में मस्जिदों में सुधार करने के लिए शुरू किए गए सरकारी अभियान के तहत किया जा रहा है। सरकार इसकी आड़ में बड़े पैमाने पर मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को तोड़ रही है।
‘मस्जिद की जगह टॉयलेट बनाने की जरूरत नहीं थी’
अतुश सुंथग गांव के उइगर मुस्लिम कमेटी के चीफ के मुताबिक, गांव में सभी घर में टॉयलेट पहले से ही हैं। यहां पर घूमने के लिए बहुत कम टूरिस्ट आते हैं। ऐसे में तोकुल मस्जिद की जमीन पर टॉयलेट बनाने की कोई जरूरत नहीं थी। इस गांव में तोड़ी गई दूसरी मस्जिद की जगह एक ऐसा स्टोर खोला गया है जिसमें शराब और सिगरेट बेची जाती है। जबकि, इन दोनों चीजों के इस्तेमाल पर इस्लाम में मनाही है। मस्जिदों को तोड़ने और उनकी जगह नई इमारतें बनाने के काम में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े लोग शामिल होते हैं।
शिनजियांग राज्य में करीब 70 प्रतिशत मस्जिदें तोड़ी गईं
मस्जिदों को सुधारने के नाम पर बीते दो साल में चीन की सरकार ने शिनजियांग की करीब 70% मस्जिदें ढहा दी है। न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस इलाके में 2014 से अक्टूबर 2019 के बीच करीब 45 कब्रिस्तानों को तोड़ा गया है। इनकी जगह पर बाद में पार्क या पार्किंग लॉट बना दिए गए। वॉशिंगटन के उइगर ह्यूमन राइट्स प्रोजेक्ट (यूएचआरपी) ने अपनी स्टडी में 2016 से 2019 के बीच शिनजियांग में 15 हजार मस्जिदों और दरगाहों को तोड़े जाने का दावा किया है।
चीन में 20 लाख उइगर मुस्लिम नजरबंद
चीन में 2014 के बाद से आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत 20 लाख उइगर मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यकों को कई शिविरों में हिरासत में रखा गया है। चीन लगातार कहता रहा है कि वह इस क्षेत्र में चरमपंथ से निपटने के लिए ‘वोकेशनल ट्रेनिंग कैम्प’ चला रहा है। हालांकि, पूर्व बंदियों ने आरोप लगाया है कि वहां कैदियों को यातनाएं दी जाती हैं। उन पर मेडिकल एक्सपेरिमेंट किए जाते हैं। महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है।