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राष्ट्रपति पोस्टमास्टर जनरल के साथ मिलकर मेल इन बैलट से चुनाव कराने में अड़ंगा डाल रहे

ट्रम्प के खिलाफ केस:मुकदमा करने वालों ने कोर्ट से कहा- राष्ट्रपति पोस्टमास्टर जनरल के साथ मिलकर मेल इन बैलट से चुनाव कराने में अड़ंगा डाल रहे; पोस्टल डिपार्टमेंट की फंडिंग रुकवाई हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सोमवार को पोस्टल डिपार्टमेंट का मुद्दा उठाया था, इस मुद्दे पर दोबारा सेशन बुलाने की चेतावनी दी थी
ट्रम्प और पोस्टमास्टर जनरल पर केस करने वालों ने कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि नवम्बर से पहले पोस्टल डिपार्टमेंट को पर्याप्त फंडिंग देने के लिए कहा जाएहाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार समेत कई लोगों ने राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। इसमें ट्रम्प पर पोस्ट मास्टर जनरल लुइस डिजॉय के साथ मिलकर जानबूझकर मेल इन बैलट से चुनाव कराने में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट से कहा गया है कि न्यूयॉर्क पोस्टमास्टर जनरल ने पोस्टल डिपार्टमेंट के काम करने का तरीका बदल दिया है। डिपार्टमेंट की फंडिंग भी रोक दी गई है। इन सबसे नवम्बर में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मेल इन बैलट से होने वाली वोटिंग पर असर पड़ेगा।

कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि नवम्बर से पहले पोस्टल डिपार्टमेंट को पर्याप्त फंडिंग देने के लिए कहा जाए। केस करने वालों ने पोस्टल और जस्टिस डिपार्टमेंट को भी मैसेज भेजा है। दोनों डिपार्टमेंट से पोस्टल डिपार्टमेंट में किए गए बदलाव की वजह बताने के लिए कहा गया है।

नैंसी पेलोसी ने उठाया था पोस्टल डिपार्टमेंट का मुद्दा
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सोमवार को पोस्टल डिपार्टमेंट का मुद्दा उठाया था। उन्होंने हाउस में कहा था कि ट्रम्प ने न्यूयॉर्क में नए पोस्ट मास्टर जनरल की नियुक्ति सोची समझकर की है। उनकी कोशिश है कि डिपार्टमेंट के जरिए लोगों तक अगले राष्ट्रपति चुनाव के मेल नहीं पहुंच पाएं। इस पर गौर करते हुए वह दोबारा हाउस सेशन बुला सकती हैं ताकि इस मामले पर चर्चा की जा सके।

ट्रम्प ने मेल-इन बैलेट का विरोध

ट्रम्प ने कुछ दिन पहले मेल-इन बैलेट्स को धोखा बताया था। उन्होंने कहा था कि डेमोक्रेट्स 2020 के चुनावों में धोखेबाजी करना चाहते हैं। 22 जून को उन्होंने एक ट्वीट किया था। इसमें कहा था कि दूसरे देशों से लाखों लोग मेल-इन बैलेट भेज देंगे। हालांकि, बाद में वे अपनी इस बात से पलट गए थे। कोरोनावायरस को देखते हुए अमेरिका के चुनावों में मेल-इन बैलेट की मांग हो रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ ही ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य भी इसके पक्ष में हैं।

ट्रम्प भी मेल-इन-बैलेट का इस्तेमाल कर चुके हैं

सबसे पहले 2016 में लगभग एक चौथाई अमेरिकियों ने मेल से वोट डाला था। हाल के दिनों में ट्रम्प, उपराष्ट्रपति माइक पेंस, फर्स्ट लेडी मेलानिया, ट्रम्प की बेटी इवांका, दामाद जेरेड कुश्नर, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केयलेग मैकनेनी और अटॉर्नी जनरल भी मेल वोटिंग का इस्तेमाल कर चुके हैं।

5 राज्यों में मेल-इन-बैलेट से चुनाव हुए

फिलहाल पांच राज्यों उटाह, कोलोराडो, ऑरेगन, हवाई और वॉशिंगटन में मेल से वोटिंग हुई है। कई और राज्य भी इसकी तैयारी में जुटे हैं। ऑरेगन ऐसा राज्य हैं, जहां 20 साल से मेल-इन बैलेट्स का इस्तेमाल हो रहा है। 10 करोड़ वोटों में से केवल अब तक केवल कुछ वोटों की धोखाधड़ी ही सामने आई है। यह कुल वोटों का 0.000012% है।

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