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पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू, इतिहास में पहली बार श्रद्धालु नहीं हो रहे हैं शामिल

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू, इतिहास में पहली बार श्रद्धालु नहीं हो रहे हैं शामिल
ओडिशा के सुप्रसिद्ध पुरी के भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा मंगलवार से शुरू हो गई है, लेकिन ऐसा यात्रा के इतिहास में पहली बार है कि इस धार्मिक यात्रा में श्रद्धालु हिस्सा नहीं ले रहे हैं.

पुरी: ओडिशा के सुप्रसिद्ध पुरी के भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा मंगलवार से शुरू हो गई है, लेकिन ऐसा यात्रा के इतिहास में पहली बार है कि इस धार्मिक यात्रा में श्रद्धालु हिस्सा नहीं ले रहे हैं. इस बार कोरोनावायरस के चलते लागू लॉकडाउन के तहत सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को देखते हुए श्रद्धालुओं को इस यात्रा में हिस्सा लेने की मनाही है. इसके अलावा ऐसा पहली बार हुआ है, जब यात्रा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने बीते 18 जून को इस यात्रा पर रोक लगा दी थी लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई में इसे सशर्त मंजूरी दे दी गई थी. मंगलवार की सुबह पुरी की यह जगन्नाथ यात्रा शुरू हो गई, जिसके लिए यहां बड़ी संख्या में पुजारी और मंदिर में काम करने वाले सेवायत इकट्ठा हुए. लेकिन इस बार श्रद्धालु नहीं आए हैं. श्रद्धालुओं के लिए रथयात्रा का लाइव टेलीकास्ट किया जाना है. रथयात्रा के मौके पर मंदिर को सजाया गया है, वहीं पूजा-पाठ शुरू होने से पहले मंदिर परिसर को सैनिटाइज़ भी किया गया है.

रथयात्रा के आरंभ होने के दौरान के कुछ विजुअल्स आए हैं, जिसमें मौके पर पुजारियों और सेवायतों की बड़ी भीड़ दिखाई दे रही है. न्यूज एजेंसी ANI की ओर से शेयर किए गए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कई सेवायत भगवान बालभद्र की मूर्ति को रथ तक गाते-बजाते हुए ले जा रहे हैं. वहीं एक दूसरे वीडियो में देखा जा सकता है कि रथ पर भगवान को विराजमान किया जा रहा है और रथ के चारों ओर भीड़ लगी हुई है.बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 जून के अपने ऑर्डर में रथयात्रा को मंजूरी देते हुए कहा था कि यात्रा कोविड-19 के गाइडलाइंस के तहत हो, इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार पर होगी. कोर्ट ने शर्त रखी कि जहां-जहां भी रथयात्रा निकाली जाएगी, वहां रथ को 500 से ज्यादा लोग नहीं खींचेंगे और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा. जिन लोगों को कोरोनावायरस टेस्ट निगेटिव आया है, वहीं यात्रा में हिस्सा ले पाएंगे. कोर्ट ने कहा कि दो रथों के बीच में एक घंटे का अंतर होना चाहिए. वहीं रथ को खींचने वाले सेवायतों के बीच में रथ खींचने से पहले, इस दौरान और इसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखना होगा.

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