पाक सरकार को कटघरे में खड़ा किया:पाकिस्तान की मंत्री ने कहा- हमारा विदेश मंत्रालय नाकाबिल, डिप्लोमैट्स सिर्फ ऐश करते हैं, कश्मीर मुद्दे पर इमरान को नीचा दिखाया गया पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी ने कहा- कश्मीर मुद्दे पर इमरान अकेले लड़ रहे हैं
मजारी ने कहा- अगर विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री का साथ दिया तो हालात कुछ और होतेपाकिस्तान सरकार विश्व में कश्मीर मुद्दा उछालने का कोई मौका नहीं छोड़ती। हर मंच पर पाकिस्तान कश्मीर का राग अलापता है। लेकिन, इमरान खान सरकार के मंत्रालय ही इस मुद्दे पर एकमत नहीं हैं। इमरान सरकार में ताकतवर कही जाने वाली मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी ने विदेश मंत्रालय पर तंज कसा। मजारी ने कहा- अकेले प्रधानमंत्री हैं जो कश्मीर मुद्दे पर लड़ रहे हैं। इसमें अगर विदेश मंत्रालय साथ देता तो हालात कुछ और हो सकते थे।
मजारी की टिप्पणी के सियासत से लिहाज से अहम मायने हैं। दरअसल, पाकिस्तानी मीडिया का एक हिस्सा अकसर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को फौज की पहली पसंद बताता रहा है। पिछले महीने यह कयास लगाए गए थे कि कुरैशी अगले पीएम हो सकते हैं।
मजारी ने क्या कहा
इस्लामाबाद में शनिवार शाम एक कार्यक्रम के दौरान मजारी ने सीधे तौर पर विदेश मंत्रालय और शाह महमूद कुरैशी को निशाने पर लिया। मजारी ने कहा- हमारे विदेश मंत्रालय ने कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री इमरान खान और कश्मीरियों को नीचा दिखाया। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि इमरान इस मुद्दे पर अकेले लड़ रहे हैं कि विदेश मंत्रालय उनका साथ नहीं देता। अगर उसने पीएम का साथ दिया होता तो आज हालात कुछ और होते।
होटल में ऐश करते हैं डिप्लोमैट्स
मजारी ने बेहद तल्ख अंदाज में विदेश मंत्रालय के अफसरों पर हमला किया। कहा- हम किस मुंह से कश्मीर की बात करें। हमारे डिप्लोमैट्स महंगे होटलों में ऐश करते हैं। थ्री-पीस सूट्स पहनते हैं। फोन पर गप्पें मारते रहते हैं। पाकिस्तान से अच्छा तो बुर्किना फासो जैसे छोटा और गरीब देश है। वहां के डिप्लोमैट्स काम तो करते हैं। कश्मीर एक संघर्ष है। भारत ने वहां अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है। और हमारा देश क्या कर रहा है? ये दुनिया देख रही है।
इस बयान के मायने अहम
शिरीन मजारी को इमरान का करीबी माना जाता है। पाकिस्तानी मीडिया का एक हिस्सा विदेश मंत्री कुरैशी को अगला पीएम बताता रहा है। सेना को भी कुरैशी के समर्थन में बताया जाता है। ऐसे में मजारी का बयान अचानक दिया गया स्टेटमेंट नहीं माना जा सकता। हो सकता है यह बयान इमरान के इशारे पर दिया गया हो। कहा जाता है कि इमरान और कुरैशी के रिश्ते कुछ समय से अच्छे नहीं हैं। सऊदी अरब के मामले में वो मुल्क की फजीहत करा चुके हैं।