सिरसा के गांव नटार का मामला:बुधवार को सीवरेज की 30 फीट गहरी डिग्गी में गिरे किसान को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना के बाद एनडीआरएफ को भी बुलाने की तैयारी सीवेरज लाइन खोदने के लिए 3 जेसीबी लगाईं, पुलिस के साथ फायरबिग्रेड व एंबुलेंस भी मौजूद
सीवरेज का पानी खेतों मेें लगाने के लिए पाइप डालने उतरे थे दो किसान, एक को ग्रामीणों ने निकाल लियासिरसा के गांव नटार में खेतों में सिंचाई के लिए सीवरेज की 30 फीट गहरी डिग्गी में पाइप डालते समय किसान काली (25) व पूर्णचंद (45) गिर गए थे। पूर्णचंद को बेहोशी की हालत में ग्रामीणों ने निकालकर अस्पताल में भर्ती करा दिया। उसे हिसार रेफर किया है, जहां हालत गंभीर बनी हुई है। काली को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।
अब हिसार से सेना को बुलाया गया है। गुरुवार रात 12 बजे खबर लिखे जाने तक ऑपरेशन चलते 30 घंटे हो गए, लेकिन काली की लोकेशन का पता नहीं चला है। 30 फीट गहरी सीवरेज लाइन की 3 जेसीबी खुदाई कर रही हैं। मौके पर एंबुलेंस व पुलिस बल तैनात है। डीसी व डीआईजी सहित सेना के अधिकारी देवेंद्र पूनिया मौके पर मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि कामयाबी नहीं मिली तो एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाने की तैयारी है।
ऑपरेशन- हर मेनहॉल के पास 100 मीटर एरिया में खुदाई की प्लानिंग
सेना की ओर से बोरवेल जैसे रेस्क्यू ऑप्रेशन सफलतापूर्वक किए जाते रहे हैं। इसलिए प्रशासन ने सेना की मदद लेना उचित समझा। अब सबसे बड़ा काम किसान की लोकेशन का पता लगाना है। सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र पूनिया की 30 सदस्यीय टीम ने रेस्क्यू का काम संभाला है। जेसीबी की मदद से सीवरेज लाइन में दो लोग उतारे गए। दोनों ने रस्से व कुंडियों से काली को ढूंढ़ने का प्रयास किया। आगे पड़ने वाले मेनहाॅल तक रस्सा पहुंचाकर कुडियों के जरिए सर्च किया गया। फिर भी सफलता हाथ नहीं लगी। अब हर मेनहॉल के पास 100 मीटर के एरिया को खोदने की प्लानिंग है।
10 साल से नहर की मांग कर रहे किसान
नटार से कोई नहर नहीं गुजरती। 10 साल से किसान मांग कर रहे हैं। चुनाव से पहले फ्लडी नहर निकालने का मुद्दा बना था, पर प्रपोजल नहीं बना। जमीन का जलस्तर 400 फीट पर है। 2010 में गांव के खेतों तक बड़ी सीवरेज लाइन आई। यहां सीवरेज पानी का डिस्पोजल बनाया गया। पंचायत ने जगह इसलिए दी कि खेती को पानी मिल जाएगा। 30 फीट गहरी लाइन निकलने के बाद यहां बनी डिग्गियों में से किसान पाइप डालकर पानी लगाने लगे। लेकिन इसके लिए उन्हें बड़ा रिस्क उठाना पड़ता है।