जन्माष्टमी 2020: यहां है श्रीकृष्ण की 1280 किलो सोने की मूर्ति, किसी चमत्कार से कम नहीं कहानी Janmashtami 2020: देश-दुनिया में भगवान श्रीकृष्ण के अनेक मंदिर हैं, लेकिन झारखंड के गढ़वा जिले स्थित बाबा बंशीधर मंदिर की कहानी सबसे अलग है। यहां नगरऊंटारी में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की मूर्ति सोने से बनी हुई है। यहां भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति 1280 किलो सोने से बनी है, जिसकी कीमत 716 करोड़ रुपए से अधिक है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह मूर्ति मुगल काल की है। तब 1828 में खुदाई के दौरान तत्कालीन रानी को मूर्ति मिली थी। मूर्ती 10 फीट ऊंची है। आज भी इसका 5 फीट हिस्सा जमीन के अंदर है और शेष 5 फीट जमीन से बाहर। यहां श्रीकृष्ण के साथ राधाजी विराजित हैं, जिनकी मूर्ति अष्टधातु से बनी है। बताते हैं कि राधा-कृष्ण की मूर्तियों में कुल 1400 किलो सोना है, जिसकी कीमत करोड़ों में हैं। जियोलॉजिकल विभाग के सर्वे में कुछ साल पहले इस मूर्ति की कीमत 2500 करोड़ रुपए से अधिक बताई गई थी।रानी के सपने में आए थे भगवान, तब मिली थी मूर्ति
मंदिर बारे में बताया जाता है कि इसे 1885 में रानी शिवमानी कुंवर ने बनावाया था। राधा और कृष्ण की ये मूर्तियां मिलने और मंदिर यहीं बनाए जाने की कहानी भी कम रोचक नहीं है। यह तब की बात है जब यहां के राजा भवानी सिंह थे। उनकी रानी शिवमानी कुंवर श्रीकृष्ण की बहुत बड़ी भक्त थीं। एक दिन रानी को सपना आया कि कनहर नदी के किनारे शिवपहरी पहाड़ी में कृष्ण की मूर्ति जमीन के नीचे दबी है। रानी को यह सपना जन्माष्टमी के दिन ही आया था। राजा और रानी के आदेश पर वहां खुदाई की गई, तो मूर्तियां निकलीं।रानी मूर्तियों को हाथी पर लेकर महल आ रही थीं, लेकिन हाथी एक स्थान पर रुक गया। लाख कोशिशों के बाद भी वहां से टस से मस नहीं हुआ। इसके बाद तय हुआ कि जहां हाथी रुक गया है, वहीं मंदिर बनाया जाएगा। इस तरह राजा ने मंदिर बनाया, जिसमें आज भी भक्त दर्शन करते हैं। हर जन्माष्टमी पर यहां विशेष अनुष्ठान होते हैं। झारखंड के जिस हिस्से में यह मंदिर है, वह नक्सल प्रभावित है। इसके बावजूद इस मंदिर में सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं।