संजय दत्त को लंग कैंसर होने को लेकर सामने आ रही दो तरह की बातें, परिवार आज एक स्टेटमेंट जारी कर स्थिति स्पष्ट कर सकता है 8 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के बाद हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे संजू
सभी तरह के टेस्ट होने के बाद सोमवार को उन्हें डिस्चार्ज किया गया थामंगलवार रात खबर आई थी कि अभिनेता संजय दत्त फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित हैं और वे इसकी स्टेज-3 में पहुंच चुके हैं।उन्होंने बताया कि अभी तो संजय का बायोप्सी टेस्ट तक नहीं हुआ है, ऐसे में लंग कैंसर की बात कैसे कही जा रही है। जिसके बाद खबरें हैं कि संजय का परिवार आज (बुधवार) सुबह 11 बजे एक बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट कर सकता है।
संजय के दोस्त ने बताया, ‘उन्होंने कोरोना का डबल टेस्ट करवाया था, दोनों टेस्ट में वे नेगेटिव पाए गए। वे फिलहाल मुंबई में ही हैं।’ इससे पहले आई खबरों में ये भी बताया जा रहा था कि वे इलाज के लिए अमेरिका रवाना हो चुके हैं।
दोपहर में काम से ब्रेक लेने की जानकारी दी थी
संजय दत्त ने मंगलवार दोपहर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने काम से छोटा सा ब्रेक लेने की बात कही थी। पोस्ट में उन्होंने लिखा था- ‘दोस्तों, मैं मेडिकल ट्रीटमेंट्स के लिए काम से एक छोटा सा ब्रेक ले रहा हूं। मेरा परिवार और दोस्त मेरे साथ हैं। मैं अपने सभी शुभचिंतकों से निवेदन करता हूं कि वे बिल्कुल भी चिंता न करें। साथ ही अनावश्यक रूप से अटकलें भी ना लगाएं। आपके प्यार और शुभकामनाओं से मैं जल्द ही वापस आऊंगा।’
लंग कैंसर की स्टेज-3 कितनी खतरनाक
रिपोर्ट के मुताबिक संजय दत्त लंग कैंसर की थर्ड स्टेज से गुजर रहे हैं जो जानलेवा मानी जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक लंग कैंसर दो प्रकार के होते हैं- स्मॉल सेल कैंसर और नॉन स्मॉल सेल कैंसर। स्मॉल सेल लंग कैंसर तेजी से फैलता है जबकि नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर कम तेजी से फैलता है। इसकी तीन स्टेज होती है –
अर्ली स्टेज – इस स्टेज में कैंसर की शुरुआत होती है। इस दौरान शरीर के किसी एक अंग में इसकी कोशिकाएं दो दूनी चार के अंदाज में बढ़ना शुरू होती हैं। इस स्टेज में ऑपरेशन से एक लंग या वह हिस्सा हटाया जा सकता है जिसमें कैंसर के लक्षण पाए गए हों।
इंटरमीडिएट स्टेज – जब कैंसर सेल शरीर के एक अंग से दूसरे अंग में फैलने लगते हैं। इस स्टेज में कीमोथेरेपी, रेडियोथैरेपी के साथ ऑपरेशन भी जरूरी हो जाता है।
एडवांस स्टेज – जब शरीर के दूसरे हिस्सों में कैंसर कोशिकाएं पूरी तरह फैल जाती है। इस स्टेज में मरीज के ठीक होने की संभावनाएं बहुत कम होती है, लेकिन एडवांस कीमोथैरेपी से लंबे समय तक इलाज चल सकता है।