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शराब घोटाला मामला:सोनीपत की पूर्व एसपी गोदारा और एक्साइज कमिश्नर शेखर पर कार्यवाही की सिफारिश,

शराब घोटाला मामला:सोनीपत की पूर्व एसपी गोदारा और एक्साइज कमिश्नर शेखर पर कार्यवाही की सिफारिश, एसईटी की रिपोर्ट पर गृह मंत्री विज ने उठाया कदम गहन जांच के लिए विजिलेंस के पास जाएगा मामला
एसईटी के पास पावर न होने की वजह से वह मामले की गहराई से जांच नहीं कर पाई हरियाणा में शराब घोटाले को लेकर गठित की गई एसईटी की रिपोर्ट पर गृह मंत्री अनिल विज ने सोनीपत की एसपी रहीं प्रतीक्षा गोदारा और एक्साइज एंड टेक्सेशन कमिश्नर शेखर विद्यार्थी के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की है। इसके अलावा गहन जांच के लिए पूरा मामला स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को सौंपा जाएगा, क्योंकि एसईटी के पास पावर न होने की वजह से वह मामले की गहराई से जांच नहीं कर पाई है।

यही वजह है कि एसईटी की रिपोर्ट में बजाए किसी के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश के केवल एक्साइज व पुलिस अफसरों की खामियां बताई गई हैं। इसीलिए गृहमंत्री ने इन दोनों अफसरों के खिलाफ सीएम मनोहर लाल से कार्यवाही की सिफारिश की है। जांच रिपोर्ट में दोनों महकमों के अन्य अफसरों की भी लापरवाही सामने आई है।

इसलिए की गई इन सीनियर अफसरों के खिलाफ सिफारिश, क्या था उनका जवाब…
एसईटी: लॉकडाउन में आपने शराब ठेके बंद क्यों नहीं कराए?
आईएएस विद्यार्थी: मैंने मौखिक रूप से वीसी में सभी अफसरों को जानकारी दी थी
एक्साइज एंड टेक्सेशन कमिश्नर शेखर विद्यार्थी से सीसीटीवी को लेकर 5 सवाल पूछे गए। डिस्टलरी में सीसीटीवी के लिए एसओपी जारी क्यों नहीं हुई। मॉनिटरिंग को लेकर कोई नियम क्यों नहीं बना। इनके स्पष्ट जवाब नहीं मिले। ईटीसी के साथ कलेक्टर ने भी स्वीकारा है कि उन्होंने कभी सीसीटीवी की जांच नहीं की। आज तक लाइव फुटेज लेने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। डीईटीसी सोनीपत से पिछले साल फरवरी में मिली रिपोर्ट पर अब तक कार्यवाही नहीं की गई।

27 मार्च को शराब ठेके बंद होने के लिखित आदेश जारी क्यों नहीं किए गए। इस पर विद्यार्थी का जवाब था कि इसकी जानकारी वीसी में अफसरों को दी गई थी। जबकि इसके बाद भी शराब के परमिट जारी हुए। उन्होंने डिस्टलरी का निरीक्षण करने के लिए पहले 18 जुलाई की तारीख भी तय कर दी थी। लेकिन ऐन वक्त पर निरीक्षण की अनुमति नहीं दी गई।

एसईटी: तस्करी के आरोपी भूपेंद्र को गनमैन व गन का लाइसेंस क्यों दिया?
आईपीएस गोदारा: उसे एक गैंग से धमकी मिली थी, बाद में गनमैन हटाए व लाइसेंस दिया
यूटी कॉडर की आईपीएस प्रतीक्षा गोदारा का हरियाणा का कार्यकाल 11 फरवरी को पूरा हो चुका है। वह डेढ़ साल सोनीपत एसपी रहीं। शराब तस्करी के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया गया कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव की वजह से न एक्शन लिया और न ही प्लानिंग बनाई जा सकी। रिपोर्ट में कहा गया है कि गोदारा को जानकारी थी कि अवैध शराब पकड़ी जा रही है लेकिन उन्होंने जवाब दिया कि यह मामला उस वक्त इतना बड़ा नहीं था।

उन्होंने स्वीकार किया कि भूपेंद्र सिंह से वह एक बार उस वक्त मिलीं, तब उसने बताया था कि उसे राजू बसोदी गैंगस्टर से खतरा है। तब ही उसे दो गनमैन दिए थे। शूटर पकड़े जाने के बाद गनमैन हटा दिए थे। लेकिन गन का लाइसेंस दिया गया। रिपोर्ट में एसईटी ने लिखा है कि एसपी को यह जानकारी थी भूपेंद्र तस्कर है। यह जानते हुए भी गनमैन दिए और गन का लाइसेंस दिया।

एसईटी के अहम सुझाव, जिनसे रुक सकती है शराब तस्करी

हरियाणा होकर दूसरे राज्यों में शराब लेकर जाने वाले वाहनों पर ट्रैकिंग-ट्रेसिंग सिस्टम होना चाहिए। अवैध तरीके से ले जाई जा रही शराब पकड़ने पर सजा मिलनी चाहिए।
डिस्टलरी व गोदामों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के नियम बनने चाहिए। उल्लंघन पर सजा का प्रावधान हो। जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए।
प्रदेश में शराब की मूवमेंट ट्रेसिंग सिस्टम होना चाहिए। वाहन में कितनी शराब लोड हुई और कितनी पहुंची, इसकी मॉनिटरिंग हो।
डिस्टलरी के स्टाेरेज टैंक में मात्रा की जानकारी के लिए इलेक्ट्रॉनिक टेंपर प्रूफ फ्लो मीटर हाई ग्रेड के होने चाहिए। ​​​​​​​

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