पानीपत लाठीचार्ज मामला:करनाल एसपी के नेतृत्व में जांच शुरू हुई, आरोपियों के लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए पुलिस ने कोर्ट में डाली एप्लीकेशन मृतक बच्चों के परिजन पहुंचे गृह मंत्री अनिल विज के पास
विज के आदेश पर ही करनाल पुलिस को सौंपी गई थी जांचपानीपत के बिंझौल में तीन बच्चों की मौत और फिर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज मामले की जांच करनाल पुलिस ने शुरू कर दी है। शनिवार को करनाल के एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया के आदेश पर डीएसपी जगदीप दूहन व उनकी टीम जांच के लिए पहुंची। पानीपत पहुंची टीम ने तथ्य जुटाए। डीएसपी का कहना था कि उन्होंने आरोपियों के लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए भी कोर्ट में एप्लीकेशन दे दी है। वहीं दूसरी तरफ मृतक के परिजनों ने गृह मंत्री अनिल विज से अम्बाला में जाकर मुलाकात भी की है।
बता दें कि यह पूरा मामला हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के पास पहुंच गया था। विज ने शुक्रवार को इसका संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच एसपी करनाल को सौंप दी थी। एसपी करनाल के आदेश पर पहुंचे। डीएसपी जगदीप दूहन व उनकी टीम शनिवार को पहले लघु सचिवालय पहुंचे। यहां उन्होंने इस केस से जुड़े तथ्य जुटाए और पानीपत की एसपी से मुलाकात की।
इसके बाद वे बिंझौल गांव में पहुंचे, वहां उन्होंने डाई हाउस का दौरा किया, जहां बच्चे पतंग की डोर लेने गए थे। फिर नहर पर पहुंचे, जहां बच्चों के शव मिले थे। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कहा कि उन्होंने पुलिस फाइलों का अवलोकन किया और घटनास्थल पर जाकर जांच की है। इसके साथ-साथ आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाने के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन लगा दी है। पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच की जा रही है। किसी भी कीमत पर आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।ये था पूरा मामला
पानीपत के बिंझौल गांव का 10 वर्षीय वंश, 9 वर्षीय वरुण और 8 वर्षीय लक्ष्य 7 जुलाई को गांव से पतंग के लिए डोर लेने एक डाई हाउस में गए थे। आरोप है कि जब वह पतंग के लिए डोर खोज रहे थे तो डाई हाउस के मैनेजर ने उनको देख लिया। फिर उसने बच्चों की हत्या कर दी और डाई हाउस के पीछे बहने वाली माइनर में फेंक दिया। 8 जुलाई को तीनों के शव माइनर में मिले थे।
पुलिस ने भीड़ खदेड़ने के लिए वाटर कैनन का भी सहारा लिया था।
इसको लेकर गुरुवार 30 जुलाई को पीड़ित अपने कश्यप समाज के लोगों के साथ सुबह ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से लघु सचिवालय के सामने धरना-प्रदर्शन करने आए थे। उनकी मांग थी कि आरोपी गिरफ्तार किए जाएं। गुस्साए लोगों ने जीटी रोड पर दोनों ओर जाम लगा दिया। पहले पुलिस अफसरों और फिर एसडीएम ने समझाया। डीएसपी संदीप की गाड़ी का घेराव किया तो पुलिस ने रोका। धक्का-मुक्की के बाद पुलिस ने लाठियां बरसा दीं। पुलिस समाज के नेताओं को उठाकर गाड़ी में डालकर ले गई। भड़के लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। लघु सचिवालय से लाल बत्ती तक पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बल प्रयोग कर खदेड़ा। राहगीरों पर भी लाठियां बरसाईं। इसमें काफी संख्या में लोग घायल हो गए थे।