राजस्थान की सियासी उठापटक : गहलोत गुट के 4 विधायकों के आज जैसलमेर पहुंचने के आसार, 88 पहले ही शिफ्ट हो चुके; हॉर्स ट्रेडिंग के डर से जयपुर से 570 किमी दूर किले में बाड़ेबंदी जयपुर के फेयरमॉन्ट होटल में 18 दिन बाड़ेबंदी के बाद विधायक जैसलमेर शिफ्ट किए गए
जयपुर में केंद्रीय जांच एजेंसी की बड़ी कार्रवाई की आशंका समेत 5 वजहों से जैसलमेर चुनासियासी उठापटक के बची राजस्थान सरकार जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट हो गई है। हॉर्स ट्रेडिंग का खतरा बढ़ने की वजह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने गुट के विधायकों को राजधानी जयपुर से 570 किलोमीटर दूर जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस होटल में पहुंचा दिया है। खुद गहलोत 15 मंत्री और 73 विधायकों समेत कुल 88 विधायक शुक्रवार को शिफ्ट हो गए। 4 विधायकों के आज जैसलमेर पहुंचने और गहलोत के जयपुर लौट आने के आसार हैं।
विधानसभा सत्र 14 अगस्त से, विधायक उसी दिन लौटेंगे
गहलोत के 6 मंत्रियों समेत 14 विधायक अभी बाहर हैं। इनमें बीमार चल रहे 3 विधायक- परसराम मोरदिया, मास्टर भंवरलाल मेघवाल और बाबूलाल बैरवा हैं। 6 मंत्रियों, 3 बीमार विधायकों और स्पीकर को छोड़ गहलोत गुट के बाकी बचे 4 विधायकों के आज जैसलमेर पहुंचने के आसार हैं। विधानसभा का सत्र 14 अगस्त को शुरू होगा। तब तक विधायकों के जैसलमेर में ही रहने की उम्मीद है।
जयपुर क्यों छोड़ा, जैसलमेर ही क्यों चुना: 5 वजह
सरकार जैसलमेर में तो…क्या जनता के कामों पर असर पड़ेगा?
इस बारे में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- ‘मैं जयपुर में रहूंगा। मंत्री भी यहीं रहेंगे। ज्यादातर लोग आते-जाते रहेंगे। गवर्नेंस में कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं होगा। कोरोना को लेकर रोज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहा हूं। कानून व्यवस्था संभाल रखी है, लेकिन सरकार बचाना भी जरूरी है।’
अपडेट्स
गहलोत और सचिन पायलट गुट के जो विधायक होटलों में रुके हैं, उनके वेतन-भत्ते रोकने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) लगाई गई है। पिटीशन लगाने वाले विवेक सिंह जादौन का कहना है कि कोरोना की वजह से राज्य की फाइनेंशियल हालत ठीक नहीं है, लेकिन विधायक अपने इलाकों में जाने की बजाय होटलों में रुके हुए हैं।
विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के वॉइस सैंपल लेने के लिए एसओजी ने शुक्रवार को सीएमएम कोर्ट में अर्जी लगाई। विधायक भंवरलाल शर्मा के वॉइस सैंपल भी लिए जाएंगे। एसओजी ने कहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के वायरल ऑडियो की एफएसएल रिपोर्ट आ गई है। अभी तक की जांच के आधार पर मंत्री और विधायक के वॉइस सैंपल लेना सही होगा।