चीन के दावे को भारत ने नकारा:विदेश मंत्रालय ने कहा- एलएसी से सेनाओं के पूरी तरह पीछे हटने की प्रक्रिया अभी बाकी, जल्द होगी कमांडर लेवल की मीटिंग भारत ने कहा- उम्मीद करते हैं कि चीन पूरी ईमानदारी से अपनी सेना को पूरी तरह से पीछे हटाएगा
हमें आर्थिक चोट पहुंचाने से किसी का फायदा नहीं, चीन भारत के लिए कूटनीतिक खतरा नहीं : चीनी राजदूतबॉर्डर के कई हिस्सों से सेना के पूरी तरह से पीछे हटने के चीन के दावे को भारत ने खारिज कर दिया। भारत ने गुरुवार को कहा कि दोनों देश सीमा पर शांति बहाली की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन, सीमा पर सेनाओं के पूरी तरह पीछे हटने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि सेनाएं कम्पलीट डिस-इंगेजमेंट के लिए आने वाले दिनों में जल्द ही कमांडर लेवल की मीटिंग होगी।
चीन ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में कई इलाकों से सेना पूरी तरह हटी
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के आपसी रिश्तों के आधार पर ही हम सीमा पर शांति बहाली चाहते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि चीन पूरी ईमानदारी से अपनी सेना को पूरी तरह से पीछे हटाएगा। मंगलवार को चीनी अधिकारियों ने दावा किया था कि पूर्वी लद्दाख में कई इलाकों से भारत और चीन की सेना पूरी तरह पीछे हट गई हैं। जमीनी हालात में अब सुधार भी हो रहा है।
चीन भारत के लिए कूटनीतिक खतरा नहीं: चीनी राजदूत
चीनी ऐप्स को बैन किए जाने से बौखलाए चीन ने भारत को चेतावनी दी है। चीन ने कहा कि सीमा विवाद के बीच उसकी इकोनॉमी पर चोट करने के कदमों से दोनों देशों का नुकसान होगा। चीनी राजदूत सुन वेइडोंग ने सदियों से चले आ रहे शांतिपूर्वक संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि चीन, भारत के लिए विस्तारवादी पावर या कूटनीतिक खतरा नहीं है। हमनें कभी भी दूसरे देशों पर आक्रामक होकर अपना विकास करने की कोशिश नहीं की।चीनी राजदूत ने कहा- हमारी इकोनॉमी एक-दूसरे की पूरक
चीन का ये बयान ऐसे समय आया है जब भारत सरकार ने हाल ही में 106 चीनी ऐप्स को बैन करने का फैसला किया था। यहीं नहीं भारत-चीन सीमा को लेकर भी दोनों देशों में तनाव जारी है। चीनी राजदूत सुन वेइडोंग ने ट्विटर पर लिखा कि चीन विन-विन को-ऑपरेशन की वकालत करता है और जीरो-सम गेम का विरोध। हमारी इकोनॉमी एक-दूसरे की पूरक और एक-दूसरे पर निर्भर हैं। इसे चोट पहुंचाने की कोशिश करने से किसी का भी फायदा नहीं होगा। इससे दोनों देशों का नुकसान ही होगा।
गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद से बढ़ा तनाव
15 जून को गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद से ही तनाव कम करने के लिए दोनों देशों में राजनीतिक और मिलिट्री लेवल पर बातचीत जारी है। महीने के शुरुआत में ही भारत-चीन ने अपने सैनिकों को सीमा से पीछे हटाने का फैसला किया था। इससे पहले एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी फोन पर बात की थी।