राजस्थान में सियासी ड्रामा:राज्यपाल से मिला भाजपा का डेलिगेशन, प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने कहा- राजभवन घेराव वाला बयान मुख्यमंत्री गहलोत को सजा दिला सकता है सीएम अशोक गहलोत ने सुबह विधायक दल की बैठक में कहा- पीएम आवास के सामने धरना देना पड़े तो दिल्ली जाएंगे
राज्यपाल बोले – सरकार के पास बहुमत है तो विश्वास मत के लिए सत्र बुलाने का क्या मतलब है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा- गहलोत सरकार 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती हैराजस्थान में सियासी घटनाक्रम का शनिवार को 16वां दिन था। शाम को भाजपा के 13 सदस्यों का दल राज्यपाल कलराज मिश्र से मिला। हालांकि, बताया गया कि यह डेलिगेशन राज्य में कोरोना के हालात पर चर्चा करने के लिए पहुंचा था।
इस मुलाकात के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा- राज्य के मुखिया ये चेतावनी देते हैं कि 8 करोड़ जनता राज्यपाल को घेर लेगी। यह गलत है। यह बयान उन्हें (मुख्यमंत्री गहलोत को) आईपीसी की धारा 124 के तहत सजा दिला सकता है।
इस बीच, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि गहलोत सरकार 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती है। इसके लिए नया ड्रॉफ्ट भी तैयार किया गया है, जो जल्द ही राज्यपाल को भेजा जाएगा। वहीं, कांग्रेस ने 27 जुलाई को देशभर में राजभवन का घेराव करेगी। इस अभियान को ‘प्रजातंत्र के लिए बोलो’ नाम दिया गया है।
कटारिया ने कहा- गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए
भाजपा के दल ने मुख्यमंत्री के बयान के संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा है। उधर, नेता विपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के मुखिया हैं। वे खुद कह रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की स्थिति के उल्लंघन के लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे। वे जिम्मेदार नहीं होंगे, तो कौन होगा? उन्हें ऐसी भाषा का उपयोग करने के लिए इस्तीफा देना चाहिए।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में फिर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘सरकार गिराने की भाजपा की साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे। जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति के पास जाएंगे। अगर इससे भी बात नहीं बनी तो हम प्रधानमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन करेंगे।’ उनकी इस बात का विधायकों ने हाथ उठाकर समर्थन किया।सीएम गहलोत के राज्यपाल से मिलने की चर्चा रही
दिनभर चर्चा रही कि मुख्यमंत्री गहलोत भी आज राज्यपाल से मिलेंगे। इस दौरान वे विधानसभा सत्र के लिए नया प्रस्ताव देंगे और राज्यपाल की 6 आपत्तियों का जवाब देंगे। दोनों के बीच शाम 4 बजे मिलने की खबर आई थी। हालांकि, रात तक गहलोत राजभवन नहीं पहुंचे। उन्होंने सुबह ही राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा था।
दरअसल, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच सत्र बुलाने को लेकर तकरार बढ़ गई है। मुख्यमंत्री सोमवार को सत्र बुलाना चाहते हैं, लेकिन राज्यपाल ने कोरोना महामारी का हवाला देकर इनकार कर दिया था। कल रात मुख्यमंत्री को भेजे लेटर में सत्र को लेकर आपत्तियां जताई थीं।
कल रात तीन घंटे कैबिनेट बैठक की थी
मुख्यमंत्री गहलोत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर अड़े हैं। उन्होंने शुक्रवार देर रात 1 बजे तक कैबिनेट की बैठक की। तीन घंटे चली बैठक में राज्यपाल कलराज मिश्र की आपत्तियों पर चर्चा की गई। क्या फैसला लिया गया। इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। इससे पहले दोपहर को मुख्यमंत्री और विधायकों ने 5 घंटे राजभवन में धरना दिया था। 27 साल पहले मुख्यमंत्री भेरौसिंह शेखावत ने ऐसा किया था। 1993 में वे राजभवन में धरने पर बैठ गए थे।कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा राज्य में लोकतंत्र की हत्या कर रही है। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जयपुर में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मौजूदा हालात पर ट्वीट किया, ‘जहां राज्यपाल को मुख्यमंत्री धमका कर असुरक्षित महसूस करवाए, वहां चोरी, डकैती, बलात्कार, हत्या और हिंसक झड़पों से त्रस्त राजस्थानवासियों को मुख्यमंत्री के आगे अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाना बेकार है।’