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हरियाणा बोर्ड 12वीं के नतीजे घोषित:80.34% बच्चे पास,

हरियाणा बोर्ड 12वीं के नतीजे घोषित:80.34% बच्चे पास, पिछली बार से 5.86% ज्यादा, 499 अंकों के साथ आर्ट्स की मनीषा स्टेट टॉपर, बेस्ट टू या थ्री के आधार पर बना रिजल्ट86.30% बेटियां तो 75.06% बेटे हुए सफल, लड़कियां 11.24% ज्यादा पास
कैथल की पुष्पा-फतेहाबाद के संयम वाणिज्य तो रेवाड़ी की भावना साइंस में स्टेट टाॅपर
212693 परीक्षार्थी बैठे, 170881 पास हुए, 32,361 की कंपार्टमेंट आई, पिछली बार 74.48% था रिजल्टहरियाणा बोर्ड की 12वीं के नजीते मंगलवार को घोषित हो गए। 86.30 प्रतिशत बेटियां तो 75.06 प्रतिशत बेटों ने सफलता अर्जित की। बोर्ड के इतिहास में दो बातेें पहली बार हुईं। 80.34 फीसदी बच्चे पास हुए और आर्ट्स की छात्रा ओवर ऑल टॉपर रही। महेंद्रगढ़ के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहमा की मनीषा को 500 में 499 नंबर मिले। विज्ञान संकाय में रेवाड़ी के बाेडिया कमालपुर के राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल की छात्रा भावना यादव 496 अंक लेेकर प्रथम रही।

वाणिज्य में पहले स्थान पर कैथल के पाई स्थित केवीएम सीनियर सेकंडरी स्कूल की छात्रा पुष्पा 498 व फतेहाबाद के शारदा सीनियर सेकंडरी स्कूल के छात्र संयम 498 अंक लेकर संयुक्त रूप से प्रथम स्थान पर रहे। कोविड-19 के चलते इस बार सभी संकायों के कुल 42 पेपरों में से 20 की ही परीक्षा हो पाई थी। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सीनियर सेकंडरी का परीक्षा परिणाम बेस्ट टू या थ्री पेपरों के आधार पर तैयार किया गया।

यानी की जिन बच्चों के दो पेपर हुए उनका एक बेस्ट पेपर के आधार पर व जिनके चार पेपर हुए उनका बेस्ट थ्री के आधार पर परिणाम तैयार किया। इस आधार पर परीक्षा में 212693 परीक्षार्थियों में से 170881 पास हुए, जिनकी पास प्रतिशतता 80.34 रही। परीक्षाार्थियाें में 32 हजार 361 की कंपार्टमेंट आई जिनकी पास प्रतिशतता 15.21 रही तथा 9451 परीक्षार्थी अनुतीर्ण रहे जिनकी पास प्रतिशतता 04.44 रही। इस बार प्राइवेट स्कूलों का परिणाम सरकारी स्कूलों की अपेक्षा महज .19 प्रतिशत अधिक रहा।

टीवी-मोबाइल से रही दूर, अब आईएएस बनना लक्ष्य- मनीषा, कला संकाय
मेरी सफलता का कारण रोज 5 से 6 घंटे की पढ़ाई है। मैं मोबाइल व टीवी से दूर रही हूं। छुट्टी के समय घर व खेती के काम मे भी हाथ बंटाती थी। मैंने कभी प्राइवेट कोचिंग नही ली। सरकारी स्कूल के गुरुजनों, कृषक पिता मनोज व गृहणी मां सुनीता की के मार्गदर्शन से ही यह सब हो पाया है। अब आईएएस बनना चाहती हूं।

स्कूल के बाद पांच से छह घंटे घर पर की पढ़ाई- पुष्पा ढुल, वाणिज्य संकाय
एकाउंट मेरा पसंदीदा विषय है। स्कूल से घर आने के बाद पांच से छह घंटे पढ़ाई करती थी। खुद का मोबाइल नहीं है और सोशल मीडिया भी यूज नहीं करती, टीवी से दूरी बनाकर रखी। परिवार ने हमेशा पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। जिनकी बदलौत मैं 12वीं कक्षा में यह मुकाम हासिल कर पाई। मेरा सपना सीए बनने का है। टॉप करने का श्रेय टीचर्स व परिवार को दूंगी।

पढ़ाई और खेल दोनों पर दिया ध्यान: संयम- संयम भ्याना, वाणिज्य संकाय
परीक्षा से तीन महीने पहले मोबाइल व टीवी पूरी तरह छोड़ दिया था, क्योंकि इनसे ध्यान भटक जाता है। दिन में 8 से 9 घंटे पढ़ाई की लेकिन ऐसा नहीं की मैं बिल्कुल घर से बाहर ही नहीं निकला। अपना फेवरेट गेम वॉलीबाल भी खेलता था। पापा-मम्मी टीचर हैं, इसलिए उन्होंने पढ़ाई में पूरी मदद की और मोटीवेट भी किया।

गणित के शिक्षक का हुआ ट्रांसफर तो की सेल्फ स्टडी- भावना, विज्ञान संकाय
मुझे सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करने और स्कूल की एक्स्ट्रा क्लास ने टॉपर बनाया है। जबकि सत्र के बीच में ही गणित के शिक्षक का ट्रांसफर हो गया था, मगर सेल्फ स्टडी नहीं छोड़ी। मेरा सपना आईएएस बनने का है। मैंने परिवार के साथ घर के काम और खेतों में हाथ बंटाकर भी पढ़ाई को बाधित नहीं होने दिया।

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