नासिर ने गांगुली के एग्रेशन की तारीफ की थी / गावस्कर ने पूछा- क्या सचिन, सहवाग और द्रविड़ कमजोर थे और विपक्षी टीम को गुड मॉर्निंग कहकर छोड़ देते थे नासिर हुसैन ने स्टार स्पोर्ट्स के शो में कहा था कि गांगुली के कप्तान बनने से पहले टीम इंडिया अच्छी थी, लेकिन उसे लड़ना उन्होंने सिखाया
सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि उन्हें गांगुली से पहले की भारतीय टीम के बारे में कितना पता हैपूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के टीम इंडिया को लेकर दिए बयान पर उन्हें लताड़ लगाई है। हुसैन ने कुछ दिन पहले कहा था कि सौरव गांगुली के कप्तान बनने से पहले भारतीय टीम अच्छी थी, लेकिन वह उतनी आक्रामक नहीं थी। उनके कप्तान बनने के बाद ही भारत ने विदेशी जमीन पर जीत दर्ज करनी शुरू की थी।
गावस्कर उनके इसी बयान से नाराज हैं। उन्होंने अंग्रेजी अखबार मिड-डे में लिखे कॉलम में हुसैन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हुसैन यह कहना चाहते थे कि इससे पहले की टीम विरोधियों को गुड मॉर्निग कहती थी और उन्हें देखकर सिर्फ मुस्कुराती थी? यह धारणा कि अगर आप किसी के सामने अच्छे हैं, तो आप कमजोर हैं। जब तक आप विरोधियों जैसा व्यवहार नहीं करते, तब तक आप मजबूत नहीं हैं, यह ठीक नहीं है।
सचिन, द्रविड़ मैदान पर चिल्लाते नहीं थे तो क्या कमजोर थे: गावस्कर
इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने आगे कहा कि क्या वह (हुसैन) यह कहना चाह रहे हैं कि सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी मजबूत नहीं थे? सिर्फ इसीलिए कि वह खेल पर ही ध्यान देते थे? वह मैदान पर चीखते-चिल्लाते नहीं थे, आपस में छातियां नहीं टकराते थे और न ही अश्लील इशारे करते थे, क्या इसलिए वह कमजोर थे?
‘हुसैन को गांगुली से पहले की टीम इंडिया के बारे में कितना पता’
गावस्कर ने हुसैन को लताड़ लगाते हुए कहा कि उन्हें गांगुली से पहले की भारतीय टीम के बारे में कितना पता है। गांगुली तो साल 2000 में कप्तान बने थे। क्या वह 70 और 80 के दशक की टीमों के बारे में अच्छे से जानते थे, जिन्होंने घर और विदेश दोनों जगह जीत हासिल की थी। हां, गांगुली श्रेष्ठ कप्तान थे, उन्होंने भारतीय क्रिकेट की सबसे नाजुक वक्त में कमान संभाली थी, लेकिन यह कहना कि उनसे पहले की टीम टफ नहीं थी, यह बात बकवास है।
एक्सपर्ट्स को टीवी पर कुछ भी करने से रोकना चाहिए
उन्होंने आगे कहा, ”यह बहुत दुख की बात है कि उन्हें किसी ने शो पर ऐसा कहते रोका नहीं। अब समय आ गया है कि जब भी कोई एक्सपर्ट भारतीय क्रिकेट पर अपनी राय देता है, तो टीवी के लोग सिर्फ उसकी हां में हां न मिलाते रहें। अगर हम इस बात का विरोध नहीं करेंगे, तो हमारे बारे में यही धारणा बनी रहेगी कि हम विरोधी टीमों के लिए अच्छे थे, इसलिए हम लड़ते नहीं थे।
हुसैन ने कहा था- गांगुली ने ही टीम को लड़ना सिखाया
हाल ही में हुसैन ने स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में सौरव गांगुली के बारे में कहा था कि उन्होंने ही टीम इंडिया को मजबूत बनाया था। इससे पहले भारतीय टीम टैलेंटेड थी, लेकिन उसमें लड़ने और जीतने का जज्बा सौरव ने पैदा किया था।
गांगुली ने आक्रामक क्रिकेटरों की टीम तैयार की: हुसैन
उन्होंने इस शो में गांगुली को लेकर कहा था कि उनकी कप्तानी में भारतीय टीम अलग थी। आप जब भारत के खिलाफ खेलते थे, जो आपको पता था कि कड़ा संघर्ष होगा। आप जानते थे कि गांगुली भारतीय क्रिकेट फैंस के जुनून को समझते हैं और यह सिर्फ क्रिकेट का खेल नहीं था। यह क्रिकेट के खेल से ज्यादा अहम था। और उन्होंने आक्रामक क्रिकेटरों को चुना चाहें वह हरभजन हो या युवराज या कोई और। यह सारे खिलाड़ी विरोधियों को उन्हीं के अंदाज में जवाब देना जानते थे।