LAC पर भारत मुस्तैद / चीन सीमा पर एयरफोर्स ने रात में मिग-29 एयरक्रॉफ्ट और चिनूक-अपाचे हेलिकॉप्टर से गश्त
July 7, 2020
कानपुर शूटआउट: गैंगस्टर की तलाश का 5वां दिन / पुलिस मुठभेड़ से पहले विकास दुबे ने शराब पार्टी दी थी
July 7, 2020

नेपाल में सियासी संकट जारी / प्रधानमंत्री ओली और मुख्य विरोधी प्रचंड लगातार चौथे दिन

नेपाल में सियासी संकट जारी / प्रधानमंत्री ओली और मुख्य विरोधी प्रचंड लगातार चौथे दिन बातचीत करेंगे; चीन नहीं चाहता कि ओली सरकार गिरे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच शनिवार, रविवार और सोमवार को बातचीत हुई
नेपाल में चीन की एम्बेसेडर होउ यांगकी ओली सरकार बचाने के लिए एक्टिव, राष्ट्रपति और बड़े नेताओं से मिलींनेपाल में प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे पर सस्पेंस जारी है। उनकी ही पार्टी के नेता प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं। शनिवार, रविवार के बाद सोमवार को भी ओली ने अपने मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड से बातचीत की। उन्हें मनाने की कोशिश की। लेकिन, नतीजा नहीं निकला। ओली को सिर्फ इतनी कामयाबी मिली कि प्रचंड मंगलवार को भी बातचीत के लिए तैयार हो गए।
ओली सरकार बचाने के लिए चीन भी एक्टिव है। नेपाल में चीन की एम्बेसेडर होउ यांगकी लगातार नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेताओं से बातचीत कर रही हैं।
आज की मीटिंग पर नजर
ओली और प्रचंड के बीच बातचीत दोपहर में शुरू होगी। सोमवार को बातचीत हुई लेकिन इसकी जानकारी मीडिया को नहीं दी गई। सिर्फ इतना बताया गया कि दोनों नेता मंगलवार को बातचीत जारी रखने पर सहमत हो गए हैं। लिहाजा, आज होने वाली बातचीत पर भी नजरें रहेंगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रचंड ने ओली से साफ कह दिया है कि उनको इस्तीफा देना होगा। हालांकि, एक धड़ा ऐसा भी है जो चाहता है कि सरकार बच जाए। इसलिए समझौता कराने की कोशिशें भी जारी हैं।
कल स्टैंडिंग कमेटी की अहम मीटिंग
अगर आज ओली और प्रचंड के बीच मीटिंग में कोई फैसला नहीं होता तो यह माना जा सकता कि कल यानी बुधवार को होने वाली स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग अहम होगी। इस कमेटी में 40 मेंबर हैं। 30 से 33 ओली का इस्तीफा मांग रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं एनसीपी की तीन कमेटियों में से किसी में भी ओली को समर्थन हासिल नहीं है। लिहाजा, ज्यादा संभावना यही है कि अगर ओली और प्रचंड के बीच समझौता नहीं हुआ तो प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना ही पड़ेगा।
पार्टी टूट भी सकती है
माना जा रहा कि अगर ओली ने इस्तीफे से इनकार किया तो पार्टी टूट जाएगी। एक गुट ओली और दूसरा प्रचंड के साथ चला जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को प्रचंड ने ओली से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा ताकि सरकार बचाई जा सके।
ओली से इसलिए नाराजगी
पार्टी नेता कई मुद्दों पर ओली से नाराज हैं। प्रधानमंत्री कोविड-19 से निपटने में नाकाम साबित हुए। भष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं की। एक बेहद अहम मुद्दा भारत से जुड़ा है। पार्टी नेता मानते हैं कि सीमा विवाद पर उन्होंने भारत से बातचीत नहीं की। वैसे भी ओली पार्टी के तीनों प्लेफॉर्म्स पर कमजोर हैं। सेक्रेटेरिएट, स्टैंडिंग कमेटी और सेंट्रल कमेटी में उनको समर्थन नहीं हैं। पार्टी के नियमों के मुताबिक, अगर इन तीन प्लेटफॉर्म पर नेता कमजोर होता है तो उसका जाना तय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES