कोरोना पर नया दावा / 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कहा- कोरोना हवा से भी फैल सकता है, डब्ल्यूएचओ से नए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग डब्ल्यूएचओ का कहना है कि हवा से कोरोना संक्रमण फैलने के सबूत भरोसा करने लायक नहीं हैं
अभी तक माना जाता है कि संक्रमित के छींकने, खांसने या बोलने से निकले ड्रॉपलेट्स जमीन पर गिर जाते हैंवॉशिंगटन. कोरोनावायरस हवा से भी फैल सकता है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) को पत्र लिखकर इन दावों पर गौर करने और दिशा-निर्देशों में बदलाव करने की गुजारिश की है।
घर में भी एन-95 मास्क पहनना जरूरी
रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इस संबंध में डब्ल्यूएचओ को खुला पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि छींकने, खांसने या जोर से बोलने से संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकले ड्रॉप्लेट्स हवा में तैरकर स्वस्थ्य व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं, ऐसे में घरों में रहते हुए भी एन-95 मास्क पहनने की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ नहीं मानता यह दावा
डब्ल्यूएचओ कहता रहा है कि हवा में कोरोना के रहने और इनसे संक्रमण फैलने के सबूत विश्वास करने लायक नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल हेड डॉ. बेनडाटा अलग्रांजी ने कहा है कि पिछले कुछ महीनों में बार-बार हवा के जरिए संक्रमण फैलने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन इन बातों का कोई ठोस आधार या पुख्ता सुबूत नहीं हैं। फिलहाल ताजा रिपोर्ट पर डब्ल्यूएचओे ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।