एलएसी पर तनाव के 9 हफ्ते / विवाद का इतिहास, चीन की विस्तारवादी नीतियां, मोदी सरकार के सच्चे-झूठे दावों समेत भारत-चीन विवाद चीन 1954 से 1958 तक नक्शों में भारतीय इलाकों को अपना दिखाता रहा, भारत ने आपत्ति जताई तो बोला- नया नक्शा बनाने का टाइम नहीं है
एक्सपर्ट्स का एक पक्ष यह भी- सरकार सच को छिपा रही, मई की शुरुआत में ही चीन ने लद्दाख के कई सीमाई इलाकों पर कब्जा कर लिया था
6 देशों की 41.13 लाख स्क्वायर किमी जमीन पर चीन का कब्जा, ये उसकी कुल जमीन का 43%, भारत की भी 43 हजार वर्ग किमी जमीन उसके पासनई दिल्ली. साल 2020 भारत-चीन के बीच कूटनीतिक रिश्तों का 70वां साल था। दोनों देशों में इस मौके पर 70 इवेंट होने वाले थे। लेकिन 5 मई को पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील के किनारे भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प ने सबकुछ बदल दिया। 9 मई को सिक्किम के नाकू ला सेक्टर की झड़प और फिर 15 जून को गलवान की झड़प ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया।
एलएसी पर तनाव के 9 हफ्ते पूरे हो चुके हैं और इस दौरान दैनिक भास्कर ने एलएसी की हर अपडेट पूरे एनालिसिस के साथ आप तक पहुंचाई है। यहां हम इन्हीं 9 हफ्तों की कुछ चुनिदां और खास रिपोर्ट एक बार फिर आपके लिए लेकर आए हैं…
भारत-चीन के बीच कूटनीतिक रिश्तों की बुनियाद 1 अप्रैल 1950 को रखी गई थी, इस साल इसके 70 साल पूरे हुए। विदेश मामलों के जानकार हर्ष वी. पंत कहते हैं कि दोनों देशों ने इस खास मौके पर जश्न मनाने की काफी तैयारियां की थीं। अल्टरनेटिव एक इवेंट इंडिया में तो दूसरा चीन में होने की प्लानिंग थी, लेकिन एक के बाद एक सीमा पर हुई झड़पों ने साझेदारी बढ़ाने की इन कोशिशों को लंबे वक्त के लिए थाम दिया है।