सूर्य ग्रहण शुरू / कुरुक्षेत्र का पौराणिक ब्रह्मसरोवर कोरोना के चलते इस बार सूना, परंपरा न टूटे इसलिए चंद संत लगाएंगे डुबकी 3 घंटे 26 मिनट 17 सेकेंड रहेगा हरियाणा में सूर्यग्रहण
ब्रह्मसरोवर पर अनुष्ठान का भी किया गया आयोजनकुरुक्षेत्र. देशभर में सूर्यग्रहण शुरू हो गया है। हरियाणा में कुरुक्षेत्र हमेशा से सूर्य ग्रहण में मुख्य केंद्र रहा है लेकिन इस बार कोरोना के चलते हरियाणा सरकार ने मेला रद्द कर दिया है। वैसे तो पूरे ब्रह्मसरोवर पर सुनसान है। मगर परंपरा न टूटे इसको लेकर चंद संत-महात्माओं को स्नान की अनुमति दी गई है। स्नान के साथ पहली बार ब्रह्मसरोवर के तट पर अनुष्ठान भी होगा। कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण के समय स्नान का विशेष महत्व रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने भी यहां गोपियों के संग आकर ग्रहण पर स्नान किया था। यहां सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर ग्रहण आरंभ हुआ और 1 बजकर 47 मिनट 14 सेकेंड तक रहेगा। ग्रहण का मध्य 12 बजकर 29 मिनट पर होगा और इसका मोक्ष 2 बजकर 7 मिनट पर होगा। ग्रहण की अवधि करीब तीन घंटे 26 मिनट की रहेगी।
परंपरा न टूटे इसलिए अनुष्ठान
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि परंपरा को निभाने के लिए पूजा और अनुष्ठान ब्रह्मसरोवर पर होगा। अनुष्ठान में मथुरा के रमणरेती स्थित कार्ष्णि आश्रम के संचालक स्वामी गुरुशरणानदं महाराज, पथमेड़ा गोशाला राजस्थान के संचालक दत्त शरणानंद महाराज, मल्लू पीठाधीश्वर के संचालक राजेंद्र दास व गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज हिस्सा लेंगे।
इसरो टीम पहुंची शोध के लिए
कुरुक्षेत्र में दिखाई देने वाले कंगनाकार सूर्य ग्रहण पर इसरो शोध कर रहा है। वैज्ञानिकों की टीम कुरुक्षेत्र पहुंच चुकी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस धर्मनगरी में रिंग ऑफ फायर यानि वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देगा। इसमें चंद्रमा की छाया पूरी तरह से सूर्य को ढक नहीं पाएगी। इससे सूर्य का बाहरी हिस्सा आग के छल्ले के समान नजर आएगा। ऐसा संयोग 11 साल बाद दिखाई दे रहा है। इससे पहले दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में यह दृश्य नजर आया था।