रिलायंस ने निवेशकों से किया कर्जमुक्त कंपनी बनने का वादा समय से पहले निभाया, 58 दिनों में 1.68 लाख करोड़ रुपए जुटाए जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश से 1.15 लाख करोड़ रुपए और राइट्स इश्यू से 53,124 करोड़ रुपए मिले
रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 31 मार्च 2020 तक कुल 1.61 लाख करोड़ रुपए का कर्ज थानई दिल्ली. कोरोना संक्रमण सामने आने के बाद एक ओर जहां दुनियाभर की कंपनियां मुश्किलों का सामना कर रही हैं। वहीं, दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने 1.68 लाख करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। इस निवेश के साथ आरआईएल अपने तय समय से पहले कर्जमुक्त कंपनी बनने जा रही है। शुक्रवार को आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि कंपनी ने निवेशकों से किया कर्जमुक्ति का वादा समय से पहले पूरा किया है।
आरआईएल ने 58 दिन में जुटाए 1.68 लाख करोड़ रुपए
आरआईएल ने 58 दिनों में 1.68 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। इसमें जियो प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी बिक्री और राइट्स इश्यू के जरिए जुटाई गई राशि शामिल है। जियो प्लेटफार्म्स में वैश्विक निवेशकों ने 1.15 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। वहीं, राइट्स इश्यू के जरिए 53,124.20 करोड़ रुपए की राशि मिली है। आरआईएल का कहना है कि पेट्रोल-रिटेल को लेकर बीपी के साथ जॉइंट वेंचर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुल निवेश बढ़कर 1.75 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। 31 मार्च 2020 तक आरआईएल पर 1.61 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था। ऐसे में इस निवेश के साथ आरआईएल कर्ज मुक्त हो गई है।12 अगस्त 2019 को किया था कर्जमुक्त कंपनी बनाने का वादा
आरआईएल के सीएमडी मुकेश अंबानी ने 12 अगस्त 2019 को 42वीं एजीएम में निवेशकों से कंपनी को 31 मार्च 2021 तक कर्जमुक्त बनाने का वादा किया था। मुकेश अंबानी ने कहा था कि हमारे पास 18 महीने में कर्जमुक्त होने का एक स्पष्ट रोडमैप है। अब मुकेश अंबानी ने कहा है कि जियो और रिलायंस रिटेल जैसे कंज्यूमर कारोबार में निवेशकों ने खास रुचि दिखाई है। हम अगली कुछ तिमाही में इन वैश्विक भागीदारों को अपने दोनों कारोबार में शामिल करेंगे। अगले पांच साल में दोनों कंपनियों की लिस्टिंग के साथ हमारी कंपनी दुनिया की सबसे मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनी बन जाएगी।