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किताब में दावा- पिछले साल 29 जून को ओसाका में जी20 समिट में ट्रम्प ने जिनपिंग से राष्ट्रपति चुनाव में मदद

किताब में दावा- पिछले साल 29 जून को ओसाका में जी20 समिट में ट्रम्प ने जिनपिंग से राष्ट्रपति चुनाव में मदद के लिए कहा था
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने अस्थाई रूप से किताब पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है, ताकि इसे रिलीज होने से रोका जा सकेअमेरिका / पूर्व सुरक्षा सलाहकार का दावा- ट्रम्प ने 2020 चुनाव के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मदद मांगी थीवॉशिंगटन. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने अपनी किताब में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मदद मांगी थी। उन्होंने कहा है कि पिछले साल 29 जून को ओसाका में जी20 समिट में ट्रम्प और जिनपिंग की मुलाकात हुई थी। इस दौरान ट्रम्प ने उनसे राष्ट्रपति चुनाव में मदद के लिए कहा था।

वहीं, व्हाइट हाउस ने कहा है कि बोल्टन की इस किताब में कई गोपनीय जानकारियां हैं। जस्टिस डिपार्टमेंट ने अस्थाई रूप से किताब पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। ताकि इसे रिलीज होने से रोका जा सके। बोल्टन की किताब का टायटल है ‘द रूम व्हेयर इट हैपेंड’। इसके कुछ अंश बुधवार को द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट और द वॉल स्ट्रीट जर्नल में छापे गए थे।

साइमन एंड चस्टर द्वारा प्रकाशित पुस्तक 23 जून को दुकानों में मिलने वाली है। बोल्टन को पिछले साल राष्ट्रपति ने बर्खास्त कर दिया था। बोल्टन ने अपनी किताब में ट्रम्प पर चलाए गए महाभियोग की जांच को लेकर भी कई दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि महाभियोग की जांच तब अलग होती जब उनपर यूक्रेन के अलावा अन्य राजनीतिक हस्तक्षेपों को लेकर जांच होती। महाभियोग की दो हफ्ते तक चली जांच के बाद सीनेट ने ट्रम्प को बरी कर दिया था।

किताब में अमेरिकी सरकार से जुड़ी अहम जानकारियां

व्हाइट हाउस ने जनवरी में कहा था कि इस किताब में कई अहम सूचनाएं हैं, इन्हें हटाया जाना चाहिए। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केयलेग मैकएनी ने बुधवार को कहा- किताब में कई गोपनीय सूचनाएं हैं। उन्हें इसके लिए माफ नहीं किया जा सकता। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को यह अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि किताब में अमेरिकी सरकार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी है। इसे बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता।

बोल्टन ने किताब में कहा है कि ट्रम्प चाहते थे कि चीन अमेरिकी किसानों से उनकी फसल खरीदे, ताकि चुनाव में उन्हें फायदा हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति ने जिनपिंग से कहा था कि चीन की आर्थिक क्षमता चुनाव प्रचार अभियान पर असर डाल सकती है। ओसाका में पिछले साल 29 जून को हुई मुलाकात में ट्रम्प ने जिनपिंग से कहा कि अमेरिका-चीन का रिश्ता दुनिया के लिए बेहद अहम है। अगर वह अमेरिकी किसानों से सोयाबीन और गेहूं खरीदे तो इसका चुनाव पर काफी असर हो सकता है।

ट्रेड वॉर खत्म करने की बात भी कही

ट्रम्प ने चीन के साथ ट्रेड वॉर खत्म करने की बात भी कही थी। साथ ही कहा था कि उइगर मुस्लिमों के लिए पश्चिम चीन में कंस्ट्रेंशन कैंप भी बनाएगा। वहीं, अमेरिका ने बुधवार को चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ होने वाले अत्याचार में शामिल अधिकारियों को सजा देने के लिए बिल पास किया। इसमें उइगरों को डिटेंशन सेंटर में डालने वाले अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

ट्रम्प बिडेन को चीन समर्थित उम्मीदवार बताते रहे हैं

ट्रम्प राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बिडेन को चीन का समर्थित उम्मीदवार बताते रहे हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि चीन बिडेन को राष्ट्रपति बनाना चाहता है। चीन मेरे खिलाफ गलत जानकारी फैला रहा, ताकि बिडेन चुनाव जीत सके। वह हमेशा से ऐसा ही करता रहा है।

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