ग्राउंड रिपोर्ट / कोरोना से जंग हार चुके लोगों के परिजन बोले- हमारी तो दुनिया ही बिखर गई, इस महामारी में किसी ने भाई खोया तो किसी ने पिता पानीपत. राज्य में कोरोना संक्रमण से मौतों का शतक पूरा हो गया है, लेकिन यह शतक अच्छा नहीं है। 24 घंटे में 11 नई मौतों के साथ ही संक्रमण से दम तोड़ने वालों की संख्या 106 हो गई है। इस महामारी में किसी ने भाई खोया तो किसी ने पिता। कोई बेटी की शादी से पहले ही चल बसा। भास्कर ने प्रदेश के 6 जिलों में जाकर कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों से जाना अपनों को खो देने का दर्द…
सोनीपत: बीमार मां पोतों की शादी करने की जिद करती थी
खेड़ी गुर्जर गांव निवासी राजेश शर्मा ने बताया माता ओमपति 65 वर्ष 20 साल से सांस की बीमारी से ग्रस्त की थी। 25 मई को उसे खानपुर मेडिकल कॉलेज ले गए। कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव मिला। 30 मई को माता ओमपति का देहांत हो गया। मां का सपना था कि वह पोते अनुज की शादी जरूर देखे। अनुज बीटैक फाइनल में है। वह अकसर जिद करती थी कि अनुज की शादी कर दो, वह मां को समझाता था अनुज की पढ़ाई पूरी होने के बाद शादी कर देंगे। लेकिन कोरोना के कारण उनकी आकस्मिक मौत हो गई, ओर वह अपना सपना पूरा होते हुए नहीं देख सकी।
रोहतक: सफाई कर्मी के घर कमाने वाला कोई नहीं बचा
पाड़ा मोहल्ला में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले मृतक सुनील के घर में बुजुर्ग मां शीला, पत्नी पूनम, दो बेटे, दो बेटियां, एक बहु और एक साल का बच्चा है। घर का खर्च चलाने के लिए सुनील नगर निगम के सफाई ठेका कंपनी में सफाई कर्मचारी सेवाएं दे रहा था। उसके न रहने के बाद घर में आर्थिक तंगी आ गई है। सफाई ठेका कंपनी ने उसके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी पर नहीं लगाया। अब 15 दिन में हालात यह बन गए हैं कि उनके घर में दो वक्त की दाल रोटी का गुजारा करना मुश्किल है।
चरखी दादरी: पत्नी की आई जिम्मेदारी
ढाणी फौगाट निवासी 39 वर्षीय छाजुराम गुड़गांव स्थित निजी कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर था। 1 जून को रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उसे कोविड 19 अस्पताल में भर्ती किया गया था, 2 जून की सुबह सुकी मौत हो गई थी। वह गुड़गांव से आया था तो उसे बुखार व गले में खराश भी थी। खेतों व पशुओं का काम कर बच्चों को पालेगी छाजुराम की पत्नी छाजुराम के बाद घर पर उसकी पत्नी व उसके दो लड़के रह गए हैं। दोनों बच्चों की परवरिश और घर चलाने का जिम्मा अब छाजुराम की पत्नी के ऊपर ही आन पड़ा है।
कैथल: मेरे पिता को फेफड़े की बीमारी थी, अस्पताल में उन्हें कोरोना हुआ
बड़े बेटे राजेश का कहना है कि उसके पिता को पिछले करीब 14 साल से फेफड़ों में तकलीफ थी। उसके बाद इलाज के दौरान ही बीपी, शुगर, लीवर की दिक्कतें भी हुईं। दो जून 2020 को घर में ही बाथरूम में गिर गए थे। कैथल से 3 जून को खानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज में जाते ही कोरोना की जांच की और 4 जून को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसे में वे खानपुर पीजीआई में ही किसी मरीज के संपर्क में आए हैं। बाद में 5 जून को इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई। इससे पहले 2009 में सबसे छोटे बेटे की 23 वर्ष की उम्र में कैंसर से मौत हो गई थी और उसके बाद वे काफी बीमार रहने लगे और दोबारा कभी बिस्तर से नहीं उठ सके। परिजनों को पिंजुपुरा में क्वारेंटाइन किया गया था।
पानीपत: परिवार का सुख छीना तो बुढ़िया के जीने का सहारा
जीजा के घर इलाज कराने आई थी साली
सेक्टर-11 स्थित गाेकुल धाम निवासी रवि ने बताया कि लाॅकडाउन से पहले फरीदाबाद से साली 10 दिनाें के लिए यहां आई। इस दाैरान उसकी तबियत बहुत खराब हुई। जीजा रवि ने बताया कि उसकाे कई अस्पतालाें में दिखाया, लेकिन आराम नहीं लगा। फिर उसे खानपुर अस्पताल में ले गए, लेकिन वह काेराेना का टेस्ट हुआ जिसमें वह पाॅजिटिव मिली। फिर 6 दिन बाद 8 मई काे इलाज के दाैरान उसकी माैत भी हाे गई।
किसी ने नहीं साेचा था, कोरोना हरा देगा
एल्डिकाे के निवासी 50 वर्षीय उद्यमी की 12 जून काेे डेथ हुई। 14 जून काे उनकी रिपाेर्ट पाॅजिटिव मिली। जनसेवादल, नगर निगम कर्मचारी और सिर्फ बेटा ही शामिल हाे सका। 4 घराें के सदस्याें के विभाग ने सैंपल भी लिए है जाे बिल्कुल उनके खास दाेस्त थे या ज्यादातर समय उनके साथ रहते थे। उनके दाेस्ताें का कहना है कि किसी काे उम्मीद भी नहीं थी कि इतने स्वस्थ व्यक्ति काे काेराेना हरा सकता है।
जिस पोते के सहारे थी दादी, उसे कोरोना ने छीना
पानीपत | दीनानाथ काॅलाेनी। समय दोपहर 3 बजकर 40 मिनट। आवाज लगाई घर में काेई है ताे 65 साल की बुजुर्ग महिला निकलकर आईं। बोलीं- क्या बताऊं बेटा! मैं ही हूं जिसने पोते का संस्कार किया है। वह तीज-त्याेहार पर आता था। इस बार जब 5 मई काे दिल्ली से आया ताे बहुत घबराया हुआ था, वह आते ही बाेला कि दादी मुझे ऐसे अस्पताल ले चलो। मैं ऑटाे रिक्शा काे बुलाने के लिए चली गई और वापस आई ताे वह मृत पड़ा था। उसमें रैबीज के भी लक्षण थे। 7 साल पहले मां की मौत के बाद वह दिल्ली में ही रहता था। उसकी कुछ समय पहले सगाई हाे गई थी और कुछ दिनाें बाद शादी हाेनी थी।