हरिद्धार कुंभ 2021 / तय समय पर ही होगा लेकिन बदल सकता है स्वरूप

हरिद्वार कुंभ 2021 / तय समय पर ही होगा महाकुंभ, लेकिन बदल सकता है स्वरूप; विदेशी पर्यटकों में भी आ सकती है कमी हरिद्वार. मार्च 2021 में हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन होना है। कोरोनावायरस के चलते इसे आगे बढ़ाने को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हरिद्वार के कुछ संतों का मत है कि मेला एक साल के लिए आगे बढ़ाना चाहिए, ये 2022 में होना चाहिए। उत्तराखंड सरकार ने भी लॉकडाउन के चलते कुंभ से जुड़े कुछ कामों पर रोक लगा दी है।

हालांकि, मेले को आगे बढ़ाने पर अभी कोई विचार नहीं किया जा रहा है, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी स्पष्ट किया है कि मेला आगे बढ़ाया नहीं जा सकता है क्योंकि ये सनातन परंपरा का मामला है। अभी इस पर विचार नहीं किया जा रहा है। मेला प्रशासन ने भी ये स्पष्ट किया है कि अखाड़ा परिषद की सहमति के बिना कोई फैसला नहीं होगा। अभी मेले की तैयारियां जारी हैं।

हरिद्वार महाकुंभ में अभी करीब 7 महीने का समय है। राज्य सरकार के लिए ये प्रतिष्ठा वाला आयोजन है। इसके लिए बड़े पैमाने पर खर्च भी किया जा रहा है। महाकुंभ को विश्वस्तरीय स्वरूप देने के लिए अभी तक उत्तराखंड सरकार करीब 400 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। इस कुंभ मेले में लगभग 5 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान था। लेकिन, अब अनुमान है कि कुंभ के भव्य स्वरूप में कुछ कमी आ सकती है। आम लोगों की भागीदारी कम हो सकती है। कोरोना वायरस और नेशनल लॉकडाउन के चलते पिछले ढाई महीने में कुछ काम प्रभावित हुए हैं।

पिछले ढाई महीने में बदली परिस्थितियों से कुछ आशंकाएं संतों के मन में उभरी हैं। कुछ संतों का मत है कि इस बार कुंभ को एक साल आगे बढ़ा देना चाहिए। स्वामी विश्वात्मानंद पुरी के मुताबिक विशेष परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा किया जा सकता है। एक साल आगे बढ़ाने में कोई हर्ज नहीं है। कुछ अन्य संतों का भी ऐसा ही मत है। हालांकि, मेला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मेले को आगे बढ़ाने को लेकर फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। मेले पर कोई भी निर्णय अखाड़ा परिषद की सहमति के बिना नहीं लिया जाएगा। मेला तय समय पर ही होगा – स्वामी नरेंद्र गिरि
अखाड़ा परिषद के अध्यत्र महंत नरेंद्र गिरि के मुताबिक हरिद्वार कुंभ मेले को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। ये सनातन परंपरा का मामला है। अभी कुंभ में काफी समय है। तब तक परिस्थितियां काफी सुधर सकती है। उत्तराखंड सरकार की तरफ से भी अभी इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। हरिद्वार में काफी अच्छी गति के साथ काम चल रहा है। महाकुंभ तय समय पर ही होगा।

1200 करोड़ का बजट स्वीकृत है
महाकुंभ मेले की तैयारी पर प्रदेश सरकार अब तक लगभग 400 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। इस साल केंद्र सरकार ने भी कुंभ मेला के लिए 365 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। सरकार इस बजट को अपने पहले से हो चुके खर्च में ही समायोजित करने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा राज्य सरकार ने भी अपने मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट में कुंभ मेला के लिए 1200 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा है। कुछ संशोधित हो सकता है स्वरूप
कोरोनावायरस के चलते हरिद्वार कुंभ पर भी कुछ असर पड़ सकता है। संभव है कि कोरोना के पहले विदेशों से जितने पर्यटकों के आने का अनुमान था, उतने पर्यटन ना आएं। लोकल पर्यटकों की संख्या भी सीमित करने पर विचार किया जा सकता है। राज्य शहरी विकास मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि कुंभ मेले को लेकर केंद्र सरकार से जो गाइड लाइन मिलेगी उसका पालन किया जाएगा। अभी कोई नए काम स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं। अगर कोई आवश्यकता पड़ी भी तो अस्थायी निर्माण किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES
    कभी हाथ न लगाय तंबाकू को सब के लिए खतरा :संपादक द वन्दे भारत
    May 31, 2020
    हरि0:लॉकडाउन फेज-4 का 14वां दिन गुड़गांव में 13 दिन में 3 गुना संक्रमित,
    May 31, 2020