प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर देश की जनता के नाम चिट्ठी लिखी है. कोरोना संकट के दौर में पीएम मोदी ने देशवासियों की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा है कि हमें यह हमेशा याद रखना है कि 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती. हम अपना वर्तमान भी खुद तय करेंगे और अपना भविष्य भी. हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि कई लोगों ने आशंका जताई थी कि जब कोरोना भारत पर हमला करेगा, तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा. लेकिन आज सभी देशवासियों ने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है. आपने यह सिद्ध करके दिखाया है कि विश्व के सामर्थ्यवान और संपन्न देशों की तुलना में भी भारतवासियों का सामूहिक सामर्थ्य और क्षमता अभूतपूर्व है.
पीएम मोदी ने चिट्ठी में अपनी सरकार के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बीते एक साल में लिए गए फैसलों के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है.
पिछले कार्यकाल के बारे में पीएम मोदी ने चिट्ठी में लिखा है, ‘वर्ष 2014 में देश की जनता ने, देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था. उन पांच वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है. उन पांच वर्षों में देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है. उस कार्यकाल में जहां विश्व में भारत की आन-बान-शान बढ़ी, वहीं हमने गरीबों के खाते खोलकर, उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर, शौचालय बनवाकर, घर बनवाकर, गरीब की गरिमा भी बढ़ाई. जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने ‘वन रैंक, वन पेंशन’, ‘वन नेशन, वन टैक्स’ (GST), किसानों की MSP की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया.’
अपनी सरकार की बीते एक साल की उपलब्धियों को बारे में पीएम मोदी ने लिखा है, ‘राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए आर्टिकल 370 की बात हो, सदियों पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम – राम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना ट्रिपल तलाक हो, या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता संशोधन कानून हो, ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं. एक के बाद एक हुए इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले, अनेक बदलाव ऐसे भी हैं, जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति दी है, नए लक्ष्य दिए हैं, लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, वहीं ‘मिशन गगनयान’ के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इस दौरान गरीबों को, किसानों को, महिलाओं-युवाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता रही है. अब पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान आ चुका है. बीते एक वर्ष में इस योजना के तहत 9 करोड़ 50 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 72,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई है.’
वहीं, भारत में तेजी से फैलते कोरोनावायरस के बारे में उन्होंने चिट्ठी में लिखा है, ‘कई लोगों ने आशंका जताई थी कि जब कोरोना भारत पर हमला करेगा, तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा. लेकिन आज सभी देशवासियों ने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है. आपने ये सिद्ध करके दिखाया है कि विश्व के सामर्थ्यवान और संपन्न देशों की तुलना में भी भारतवासियों का सामूहिक सामर्थ्य और क्षमता अभूतपूर्व है. ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है. निश्चित तौर पर, इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो. हमारे श्रमिक साथी, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, हमारे दुकानदार भाई-बहन, लघु उद्यमी, ऐसे साथियों ने असीमित कष्ट सहा है. इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं.’…
पीएम ने भरोसा जताया है कि देश कोरोना संकट से निकल आएगा। उन्होंने लोगों से अपील की इस आपदा से निकलने के लिए धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि कोरोना की मार से देश की अर्थव्यवस्था भी उबर जाएगी।
कोरोना के खिलाफ भारत की जंग का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, ‘जहां एक ओर बड़े आर्थिक संंसाधन और कुशल हेल्थकेयर सिस्टम वाली ताकतें थीं, वहीं दूसरी ओर हमारे देश में दूसरी समस्याओं के साथ बड़ी आबादी और सीमित संसाधन की मुश्किल थी। बहुत से लोगों को डर था कि कोरोना की चपेट में आने के बाद भारत दुनिया के लिए एक समस्या बन जाएगा। लेकिन आपने दुनिया की उस सोच को बदल दिया।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें इस बात का ध्यान रखना होगा जो असुविधा हम झेल रहे हैं, उससे किसी तबाही में न बदलने पाए। इसलिए यह हर भारतीय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि वह नियमों और गाइडलाइंस का पालन करे। देश ने अब तक धैर्य दिखाया है और आगे भी इसे बरकरार रखना चाहिए। यही एक सबसे बड़ी वजह है कि आज भारत दूसरे कई देशों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है। यह एक लंबी लड़ाई है लेकिन हम जीत के रास्ते पर बढ़ने की शुरुआत कर चुके हैं और यह जीत हमारे सामूहिक प्रयास से मिलेगी।’
दुनिया भर में अर्थव्यवस्था को लेकर चल रही बहस पर पीएम ने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि इकॉनमी कोरोना से कैसे उबरेगी, इसके लिए भी भारत मिसाल बनेगा। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में 130 करोड़ भारतीय न केवल दुनिया को चौंकाएंगे, बल्कि प्रेरणा भी बनेंगे। इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत आत्मनिर्भर बनना है। इस दिशा में हाल ही में दिया गया 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज बड़ा कदम है।