हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के करीब दस हजार स्पोर्टिंग स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी खतरे में है। विभाग ने नए सिरे से भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिससे इन कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ सकती है। इसे लेकर ठेका कर्मचारियों एवं उनके परिजनों में डर का माहौल है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने सरकार व महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं से नई भर्ती की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।
उन्होंने दो टूक कहा कि अगर सरकार ने इस पर रोक नहीं लगाई तो कर्मचारियों को साथ लेकर सकसं आंदोलन करने पर मजबूर होगा।
इससे पहले भी लॉकडाउन के दौरान टूरिज्म निगम से 360, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कुरुक्षेत्र से 64 सफाई कर्मचारी, नगर निगम सोनीपत में 170 सफाई कर्मचारी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पंचकूला, रोहतक व फरीदाबाद कार्यालयों से 50 डाटा इंट्री ऑपरेटरों को नौकरी से निकाला जा चुका है। यूजीसी के समय सारणी के विपरीत इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी के 83 साहयक प्रोफेसरों को कार्यमुक्त कर घर भेज दिया गया है।
Bata de ki पहले भी 31 मार्च को सभी सिक्योरिटी गार्ड को नौकरी से हटाकर होमगार्ड को तैनात करने का फ़ैसला सरकार ने लिया था। जिसका विरोध होने पर फैसला टाल दिया गया। मजदूर संगठन सीआईटीयू (सीटू) के महासचिव कामरेड जयभगवान ने सरकार व सीएम से इन्हीं कर्मचारियों की सेवाएं जारी रखने की मांग की है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि 27 फरवरी 2020 को जारी गाइडलाइंस के मुताबिक नई भर्ती के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं ने 13 मई ko कमांडेंट जरनल, होम गार्ड व निदेशक सिविल डिफेंस को पत्र लिखकर विभाग में तैनात करीब 3200 सिक्योरिटी गार्ड की जगह होम गार्ड वालिंटियर को तैनात करने को भी कहा है।
उन्होंने इस पत्र के जबाव में 19 मई को 1 जुलाई से वर्षों से तैनात सिक्योरिटी गार्ड की जगह होमगार्ड को लगाने की स्वीकृति दे दी है। इससे विभाग में कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मचारी, वार्ड सर्वेंट, प्लम्बर, माली, लिफ्ट मैन, इलेक्ट्रिशियन, चपरासी आदि करीब दस हजार कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।