भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी की जयंती
April 26, 2020
लॉकडाउन खोलने को लेकर एक नीति :पीएम नरेंद्र मोदी
April 27, 2020

अचानक बैठे बैठे आज मैथिलीशरण गुप्त की सुन्दर रचना याद आई


     तप्त हृदय को , सरस स्नेह से, जो सहला दे , मित्र वही है।
     रूखे मन को , सराबोर कर,  जो नहला दे , मित्र वही है।
     प्रिय वियोग  ,संतप्त चित्त को ,   जो बहला दे , मित्र वही है।
     अश्रु बूँद की , एक झलक से , जो दहला दे , मित्र वही है।

सभी मित्रों को समर्पित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES