राज्यपाल श्री मिश्र ने जिला अधिकारियों से मगरों में रहने वाले जनजातीय लोगों के लिए की गई व्यवस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं के योगदान, मास्क व सेनेटाइजर्स की व्यवस्था, लाक डाउन में जनप्रतिनिधियों के सहयोग, रेडक्रास सोसायटी की भूमिका, आॅन लाइन शिक्षण व्यवस्था, छोटे उद्योेगों की स्थिति, किसान सम्मान निधि, छात्रवृति, लाॅक डाउन की पालना में लोगों के व्यवहार और उदयपुर के विश्वविद्यालय परिसर मेें आये पैंथर के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
राज्यपाल को जनजाति क्षेत्र विकास आयुक्त श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार ने बताया कि पच्चीस जनजाति छात्रावासों को आइसोलेशन सेन्टर बना दिया है, जिनमें दो हजार लोग रह रहे हैं। जनजाति क्षेत्र के तीन हजार बच्चों को आन लाइन शिक्षा से जोडा गया है। उदयपुर संभागीय आयुक्त श्री विकास भाले ने बताया कि संभाग में किसानों को मिलने वाली सहायता राशि पहुॅच गई है। उदयपुर जिला कलक्टर श्रीमती आनन्दी ने बताया कि जिले में स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से राशन सामग्री वितरित की जा रही है। बांसवाडा कलक्टर श्री कैलाश बैरवा ने बताया कि गिरदावरी को आॅन लाइन व किचन गार्डन विकसित किये जा रहे हैं। राज्यपाल को डूंगरपुर के कलक्टर श्री कानाराम ने बताया कि ऐसे गांव व ढाणियां जहां दो किलोमीटर के क्षेत्र में किराने की दुकान नही है, वहां उपभोक्ता भण्डार के द्वारा बिना लाभ-हानि के सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। प्रतापगढ कलक्टर श्रीमती अनुपमा जोरवाल ने बताया कि जिले में दो व्यक्ति कोरोना पाॅजिटिव थे, वे भी अब नेगेटिव हो गये हैं। सिरोही कलक्टर श्री भगवती प्रसाद ने बताया कि जिले से अन्य जिलों के मजदूरों को भिजवा दिया है लेकिन अन्य प्रदेशों के 178 मजदूर अभी जिले में ही रह रहे हैं। राजसमंद जिले के कलक्टर श्री अरविन्द ने राज्यपाल श्री मिश्र को बताया कि विधायक कोष से कोविड-19 से लडने में बहुत मदद मिल रही है। बांरा के जिला कलक्टर श्री इन्द्र सिंह राव ने बताया कि जिले मंे एक भी व्यक्ति कोरोना पाॅजिटिव नही है।
समर्पण से कार्य कर संक्रमण को करें समाप्त - राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि वे आश्वस्त हो गए है कि आदिवासी क्षेत्रों के लोगों के लिए शासकीय दल सुचारू रूप से काम कर रहे है। राज्यपाल ने कहा कि सभी अधिकारी भावनात्मक रूप से जुडकर मानव सेवा के कार्य में लगे रहे। समर्पण भाव से कार्य करके हमें संक्रमण के स्त्रोत को ही समाप्त करना होगा।