महाराष्ट्र पालघर में हुई दर्दनाक हत्या ने पूरे देश में एक अलग आक्रोश पैदा कर दिया हैं, प्रधानमंत्री मोदी जी के और करोना वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए ग्रामीणों ने तीन लोगों को चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला. मृतकों की पहचान 35 वर्षीय सुशीलगिरी महाराज, 70 वर्षीय चिकणे महाराज कल्पवृक्षगिरी और 30 वर्षीय निलेश तेलगड़े के रूप में हुई है.
इस घटना में मारे गए महाराज सुशीलगिरी सुल्तानपुर जनपद के चांदा थानाक्षेत्र के प्रतापपुर कमैचा के निवासी थे। मौत की खबर सुनते ही पूरे घर में मातम छाया गया है, संत सुशील गिरि महराज का बचपन का नाम शिवनारायण उर्फ रिंकू दुबे था। घर वालों के मुताबिक 16 वर्ष की आयु में ही संतों का सान्निध्य प्राप्त कर उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था। ऐसा बताया जा रहा है की
अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे साधु संत लोग
मिली रिपोर्ट्स के अनुसार, इनके गुरु का निधन हो गया था , इसलिए 16 अप्रैल 2020 को वो अपने गुरु के अंतिम संस्कार में एक कार में ड्राइवर के साथ गुजरात के सूरत जिले में जा रहे थे, लेकिन महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में दो साधुओं समेत तीन लोगों की जघन्य हत्या कर दी गई। जिसमें कार ड्राइवर भी शामिल था.
दरअसल लॉकडाउन होने के कारण पालघर जिले में पुलिस ने हाईवे से जाने से रोक दिया। इसके बाद साधुओं ने गांव की तरफ से निकलना मुनासिब समझा जिससे कि वे बाहरी रास्ते से निकल जाएं। जैसे ही वे गांव पहुंचे तभी गांव में किसी ने अफवाह फैला दी कि गांव में चोर बदमाश आए हैं। इसके बाद 100 ज्यादा लोगों की भीड़ ने उन्हें कार से खींचकर बेरहमी से पीट-पीट कर बुजुर्ग साधुओं और ड्राइवर को मार डाला।
इस पूरे मामले में 9 नाबालिगों समेत 110 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। और कड़ी निंदा व्यक्ति है दो पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है।