चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा विधि विधान से की जाती है। स्कंदमाता की पूजा करने से शत्रुओं और विकट परिस्थितियों पर विजय प्राप्त होता है, वहीं, नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख मिलता है। जो मोक्ष की कामना करते हैं, उनको देवी मोक्ष प्रदान करती हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा विधि, मंत्र, पूजा मुहूर्त, महत्व आदि के बारे में।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 28 मार्च दिन शनिवार की देर रात 12 बजकर 17 मिनट से हो रहा है, जो 30 मार्च दिन रविवार की देर रात 02 बजकर 01 मिनट तक है। स्कंदमाता की आराधना रविवार सुबह होगी।